मुजफ्फरपुर.उमस बढ़ी तो बच्चे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस ) से पीड़ित होने लगे हैं. शुक्रवार को एसकेएमसीएच स्थित पीकू वार्ड में भर्ती एक और बच्चे में एइएस की पुष्टि हुई है. एइएस पीड़ित बच्चा जिला के औराई प्रखंड के वसंत निवासी जय किशोर महतो का चार वर्षीय पुत्र अंशु कुमार है. जिले में एइएस के 9 बच्चे मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सिविल सर्जन को जरूरी निर्देश दिये हैं. स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रभावित इलाके में कैंप कर रही है. एइएस से एक और पीड़ित बच्चे के मिलने से इस बीमारी के तेजी से फैलने के संकेत मिल रहे हैं. वहीं अगर उत्तर बिहार की बात करें तो कुल 15 बच्चे एइएस से पीडित हुए हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि 24 मई को इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाया गया. बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे पीकू वार्ड में भर्ती कर एइएस के प्राेटोकॉल के तहत इलाज शुरू किया गया. उसका सैंपल जांच के लिए भेजा गया है.रिपोर्ट आने पर एइएस की पुष्टि हुई. 25 मई को बच्चे की स्थिति सामान्य हाेने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. उन्होंने कहा कि बीमार पड़ने पर अगर बच्चे को सही समय पर इलाज की सुविधा मिले तो उसकी जान बचायी जा सकती है. क्या हैं लक्षण : एइएस से पीड़ित मरीजों को काफी तेज दर्द के साथ शरीर ऐंठने लगता है और तेज बुखार आता है. कई बार तो बुखार इतना तेज होता है कि बच्चे बेहोश तक हो जाते हैं. इससे पीड़ित मरीजों को कई बार उल्टी होती है और उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है. लेकिन अगर इलाज में देरी हो तो मरीज में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं. इसमें रोगी का दिमाग काम करना बंद कर देता है और वो भ्रम का शिकार भी हो जाता है.
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