मुजफ्फरपुर: जिले में बढ़ते मधुमेह रोगियों की संख्या से स्वास्थ्य विभाग हैरत में है. प्रति महीने जिस तरह मरीजों का ग्राफ बढ़ रहा है, वह चिंता का विषय है. सबसे बड़ी बात यह है कि नये मरीजों में युवाओं की संख्या भी काफी है.
सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले पांच महीनों में 18 हजार 565 नये मरीजों की पहचान हुई है. हालांकि इसमें निजी पैथोलॉजिकल सेंटर का आंकड़ा शामिल नहीं है. इस वर्ष अप्रैल से अगस्त तक एनसीडीसी की ओर से विभिन्न प्रखंडों व शहर में चलाये जा रहे सेंटरों पर मधुमेह की पहचान के लिए चार लाख 73 हजार 908 लोगों की जांच की गयी, जिसमें साढ़े 18 हजार लोगों में मधुमेह की पुष्टि हुई. मधुमेह रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.
इस वर्ष के अंत तक यह आंकड़ा 35 हजार को पार कर जायेगा. फिजिशियन डॉ एके दास कहते हैं कि जीवनशैली में बदलाव इसका सबसे बड़ा कारण है. मरीजों की संख्या पहले से काफी बढ़ी है. कई मरीजों को तो यह पता भी नहीं रहता कि उन्हें मधुमेह है. जिले में मधुमेह रोगियों की वास्तविक संख्या का आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है. पिछले वर्ष एनसीडीसी का सेल खुलने के बाद मधुमेह की पहचान के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन से लोगों का टेस्ट किया गया, जिससे बीमारी से ग्रसित नये लोगों की पहचान हुई है. स्वास्थ्य विभाग ने मधुमेह परिवर्तन कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसके तहत सूबे के विभिन्न अस्पतालों में निश्चित तिथि को मधुमेह की नि:शुल्क जांच की जायेगी. साथ ही 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मधुमेह होने पर उसकी नि:शुल्क चिकित्सा की व्यवस्था भी की जायेगी.