श्री चंदेल के अनुसार, कुलपति के पदभार ग्रहण करने के बाद चंद्रकला यूनिर्वल लिमिटेड इलाहाबाद से दो करोड़ रुपये की सादी कॉपी की खरीद की गयी. इसमें वित्तीय प्रावधानों व राज्य सरकार के निविदा नियमावली की अनदेखी हुई. यही नहीं, बिना कॉपी की दर तय किये ही पचास लाख रुपये का भुगतान कर एजेंसी को कॉपी मुहैया कराने का ऑर्डर दे दिया गया. इसके लिए आरोपितों को सत्तर लाख रुपये कमीशन के रू प में प्राप्त हुए. न्यायालय ने मामले की जांच की जिम्मेदारी निगरानी ब्यूरो पटना को दी. डीएसपी रामकृष्ण पोद्दार ने मामले की जांच की, जिसमें आरोप को सत्य पाया गया. उनके जांच प्रतिवेदन के आधार पर विशेष निगरानी न्यायालय ने निगरानी ब्यूरो को प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था.
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कोर्ट ने आइओ से मांगी केस डायरी
मुजफ्फरपुर: जय प्रकाश विवि छपरा में कॉपी खरीद के दौरान नियमों की अनदेखी व कमीशन लेने के मामले में आरोपित कुलपति डॉ द्विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को विशेष निगरानी न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने केस के आइओ निगरानी ब्यूरो के एसपी सह थानाध्यक्ष विश्वजीत कुमार […]
मुजफ्फरपुर: जय प्रकाश विवि छपरा में कॉपी खरीद के दौरान नियमों की अनदेखी व कमीशन लेने के मामले में आरोपित कुलपति डॉ द्विजेंद्र गुप्ता ने सोमवार को विशेष निगरानी न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने केस के आइओ निगरानी ब्यूरो के एसपी सह थानाध्यक्ष विश्वजीत कुमार को केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है.
छपरा जिला के मशरख थाना क्षेत्र के गंगौली निवासी विश्वजीत कुमार चंदेल ने गत 28 अगस्त को जेपी विवि में कॉपी खरीद में धांधली का मामला दर्ज कराया था. इसमें कुलपति डॉ द्विजेंद्र गुप्ता सहित तत्कालीन वित्त परामर्शी प्यारे मोहन, वित्त पदाधिकारी सोनेलाल सहनी, प्रो सरोज वर्मा, डॉ अजीत कुमार तिवारी, डॉ अनीता व चंद्रकला यूनिवर्सल लिमिटेड इलाहाबाद के निदेशक को आरोपित बनाया गया था.
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