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खुद को बचाने में जुटे अधिकारी परीक्षा बोर्ड में जायेगा मामला

मुजफ्फरपुर: स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा से निष्कासित कॉमर्स के चार छात्रों को दुबारा परीक्षा में शामिल कर विवि अधिकारी फंस गये हैं. ऐसे में अपनी गरदन बचाने के लिए अब वे मामले को परीक्षा बोर्ड में ले जाने का फैसला लिया गया है. हालांकि तब तक परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति […]

मुजफ्फरपुर: स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा से निष्कासित कॉमर्स के चार छात्रों को दुबारा परीक्षा में शामिल कर विवि अधिकारी फंस गये हैं. ऐसे में अपनी गरदन बचाने के लिए अब वे मामले को परीक्षा बोर्ड में ले जाने का फैसला लिया गया है. हालांकि तब तक परीक्षार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिल गयी है.

इस आधार पर चारों परीक्षार्थियों ने बुधवार को भी एलएस कॉलेज केंद्र पर सातवें पेपर की परीक्षा दी. हालांकि इससे एक दिन पूर्व चारों छात्रों से लिखित आवेदन ले लिया गया है. इसके अनुसार, ये चारों परीक्षा में तो शामिल हो सकेंगे, लेकिन परीक्षा बोर्ड की सहमति नहीं होने की स्थिति में इनके रिजल्ट को रोक दिया जायेगा.

स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा 26 दिसंबर को शुरू हुई थी. उसी दिन प्रथम पाली में वाणिज्य के पांचवें पेपर की भी परीक्षा हुई. इसमें एलएस कॉलेज केंद्र से सात परीक्षार्थियों को नकल के आरोप में पकड़ा गया. हालांकि उसी दिन शाम को प्रश्न पत्र लीक होने के खुलासे के बाद उस परीक्षा को स्थगित कर दी गयी. इसके बाद निष्कासित छात्रों ने दुबारा परीक्षा में शामिल होने के लिए विवि अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. छात्रों के दबाव में कुलसचिव डॉ विवेकानंद शुक्ला व परीक्षा नियंत्रक डॉ पंकज कुमार ने उन्हें दुबारा परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे दी. हालांकि उनके इस फैसले का एलएस कॉलेज के परीक्षा नियंत्रक डॉ ओपी रमण ने विरोध किया था.

गलती का हुआ अहसास, आदेश देने से इनकार

अधिकारियों के दबाव में एलएस कॉलेज प्रबंधन ने चारों निष्कासित छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति तो दे दी. लेकिन 31 दिसंबर से पूर्व इस संबंध में लिखित आदेश देने को कहा. मामला यहीं फंस गया. विवि एक्ट के तहत एक बार परीक्षा से निष्कासित होने के बाद दोषी छात्र उस साल विवि की किसी भी तरह की परीक्षा में शामिल नहीं हो सकता. ऐसे में विवि अधिकारी ऐसा कोई आदेश देकर फंसना नहीं चाहते हैं. ऐसे में मामले को परीक्षा बोर्ड में ले जाने का फैसला लिया गया. एलएस कॉलेज प्रबंधन को भी इसकी सूचना दे दी गयी. इसी आधार पर चारों छात्रों को बुधवार को भी परीक्षा में शामिल किया गया.

निष्कासित छात्रों को परीक्षा में शामिल करने का फैसला छात्र हित में लिया गया है. एलएस कॉलेज प्रबंधन लिखित आदेश की मांग कर रही है. ऐसा बिना परीक्षा बोर्ड की अनुमति के संभव नहीं है. ऐसे में दो जनवरी को विवि खुलने के एक-दो दिनों के भीतर परीक्षा बोर्ड की बैठक बुला ली जायेगी. छात्रों से जबरन आवेदन लेने की बात गलत है. उन्होंने खुद आकर आवेदन दिया है.

डॉ पंकज कुमार, परीक्षा नियंत्रक

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