मुजफ्फरपुर: मौसम तेजी से करवट बदल रहा है. इस बार ठंड के साथ कोहरा बीस दिन पहले से ही पड़ने लगा है. पिछले साल आधा दिसंबर बीत जाने के बाद कोहरे की शुरुआत हुई थी, लेकिन इस बार हालात अलग हैं. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि हवा में रफ्तार नहीं होने की वजह से तेजी से तापमान गिर रहा है.
पिछले 24 घंटे में तापमान में पांच डिग्री की गिरावट आयी है. इसमें मजेदार बात ये है कि रात के समय का तापमान बीते नवंबर के अंतिम सप्ताह से अधिक है.
शुरू हो गयी परेशानी. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष तापमान काफी पहले ही गिर गया है. मौसम विभाग का कहना है कि पिछले वर्ष तापमान दिसंबर के मध्य में गिरा था. मगर इस वर्ष अधिकतम तापमान नवंबर के अंतिम सप्ताह से गिरने लगा. कुहरा काफी घना होकर वायुमंडल में तैर रहा है. इसी का नतीजा है कि बुधवार को दिन का तापमान एक दिन में पांच डिग्री सेल्सियस गिर गया. इससे ठंड काफी बढ़ गयी है. लोगों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है. सुबह में पानी छूना भी लोगों को परेशानी में डाल रहा है. लोगों को स्नान करने, खाना बनाने व कपड़ा साफ करने समेत दैनिक जीवन से जुड़े सभी कार्यो में परेशानी हो रही है.
कम होगा कोहरा
आगे तापमान और अधिक गिरने की संभावना है. इससे ठंड और बढ़ेगी. हालांकि, मौसम विभाग से कुहरा में कमी आने के भी संकेत मिले हैं. राजेंद्र कृषि विवि पूसा के ग्रामीण कृषि मौसम परामर्शी सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ आइ बी पांडेय ने कहा कि अगर हवा चलती तो यहां की आद्र्रता दूसरे जगह चली जाती. मौसम में दूसरी जगह की हवा यहां आती, तो यह स्थिति नहीं बनती. हवा नहीं चलने, धूप नहीं निकलने व आद्र्रता 96 प्रतिशत अधिक होने के कारण इतना कुहरा लग रहा है.
सप्ताह में गिरा 6.6 डिग्री तापमान
बुधवार को दिन का तापमान 20.0 डिग्री तक पहुंच गया. वहीं मंगलवार को अधिकतम तापमान 24.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. 28 नवंबर को सुबह व शाम की आद्र्रता 67 प्रतिशत थी. दिन का तापमान 26.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था. न्यूनतम तापमान बुधवार को 13.5 डिग्री था, जो 28 नवंबर को 10.8 डिग्री था. यानी रात्रि का तापमान कुछ बढ़ा है. दिन का तापमान घटा है. लोगों को ठंड के प्रति सचेत रहने की जरूरत है.
नमी 96 प्रतिशत पहुंची
मौसम विभाग के विशेषज्ञों के मुताबिक सुबह व शाम की आद्र्रता अधिक रहने के कारण मौसम में कुहरा घुल गया है. हवा भी कम गति से चल रही है. धरती पर सूर्य की गर्म किरणों नहीं पहुंच रही हैं. इन तीनों कारणों से तापमान तेजी से गिर रहा है. मौसम में उड़ रहे धूल कणों को वायुमंडल में व्याप्त नमी भिगो देती है. धूल-कण व वायुमंडल की नमी एक साथ घुल कर धरती की सतह पर तैरने लगते हैं. ऐसे में लोगों को ठंड व घना कुहरा का सामना करना पड़ता है. धूप नहीं निकलने से मौसम में व्याप्त नमी कम नहीं हो रही है. नमी 96 प्रतिशत तक पहुंच गयी है, जबकि सामान्य नमी 70 प्रतिशत ही है.