मुजफ्फरपुर : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शहर के व्यवसायी राजकुमार गोयनका की चार करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है. व्यवसायी ने जाली कंपनियों के नाम पर बैंक खाते खोले थे.
राजकुमार गोयनका के खिलाफ मिठनपुरा थाने में मामला दर्ज किया गया था. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि गोयनका ने अपने कर्मचारियों व अन्य लोगों के अपने ग्राहक को जानो (केवाईसी) का दुरुपयोग करते हुए गैरकानूनी धन को जमा और स्थानांतरित किया. उसने अपने परिवार के सदस्यों और कर्मचारियों के नाम पर धोखाधड़ी से कई बैंक खाते खोले.
गैरकानूनी और बेहिसाबी धन को इन खातों में जमा कराया गया. इस धन के स्रोत की सही जानकारी नहीं दी गयी. इन बैंक खातों में डाले गये धन को कांता सेल्स कॉरपोरेशन, पूजा ट्रेडिंग कंपनी, पूजा ज्वेलर्स, मनीष ज्वेलर्स आदि की कारोबारी आय बताया गया, जबकि इन कंपनियों ने कोई कारोबार नहीं किया .इन कंपनियों के कारोबारी परिचालन से संबंधित कोई रिकॉर्ड जांच के दौरान पेश नहीं किया.
12 जून को ईडी ने की थी छापेमारी. अमर सिनेमा रोड के व्यवसायी राजकुमार गोयनका के घर पर 12 जून को ईडी की टीम ने छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान व्यवसायी के घर से कई कागजात बरामद किये गये थे. नोटबंदी के बाद व्यवसायी ने अपने कर्मचारी रामबाग निवासी कुणाल के खाते में 13 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया था. पूरे मामले की जांच के बाद कर्मचारी कुणाल कुमार ने ही मिठनपुरा थाने में व्यवसायी के खिलाफ एफआईआर करायी थी.
22 दिसंबर 2016 को गोयनका ब्रदर्स की दुकान पर इनकम टैक्स की टीम पहुंच कर्मचारी से पूछताछ की थी.नोट बंदी के दौरान ही इनकम टैक्स के अधिकारी को जानकारी हुई कि रामबाग इलाके के कुणाल के दो निजी बैंकों के खाते से करोड़ों रुपए का लेन-देन हुआ है. कुणाल का ब्योरा बैंक से लेने के बाद इनकम टैक्स के अधिकारी ने छानबीन की तो पता चला कि वह एक निजी फर्म में सेल्समैन की नौकरी करता है. इसके बाद आईटी अधिकारी ने जिन खाते पर रुपए भेजे गए थे उससे पूछताछ की तो पता चला कि कुणाल जिस व्यवसायी के यहां नौकरी करता है, उसने ही सारा गोरखधंधा किया है.