मुजफ्फरपुर : नर्सिंग होम के बाद अब जिले के रेस्टोरेंट, होटल व मैरेज हॉल को अपने परिसर में इटीपी (जल शुद्धि यंत्र) लगाना अनिवार्य होगा. इसके लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. एक महीने में संचालक इटीपी लगाने के लिए बोर्ड से निबंधन लेकर इटीपी नहीं लगायेंगे, तो उनके प्रतिष्ठान […]
मुजफ्फरपुर : नर्सिंग होम के बाद अब जिले के रेस्टोरेंट, होटल व मैरेज हॉल को अपने परिसर में इटीपी (जल शुद्धि यंत्र) लगाना अनिवार्य होगा. इसके लिए प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. एक महीने में संचालक इटीपी लगाने के लिए बोर्ड से निबंधन लेकर इटीपी नहीं लगायेंगे, तो उनके प्रतिष्ठान को बंद करा दिया जायेगा.
इटीपी चालू हालत में है या नहीं, इसका निरीक्षण भी बोर्ड करेगा. होटलों से उपयोग किया हुआ पानी इसी यंत्र से होकर गुजरेगा. इससे पानी की शुद्धि होगी. इसका उपयोग अन्य कार्यों के लिए किया जा सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने औद्योगिक इकाइयों को इटीपी लगाने का आदेश दिया है. इसकी जिम्मेवारी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड काे दी गयी है. इस आदेश के बाद बोर्ड ने नोटिस भेजाना शुरू कर दिया है. होटलों व रेस्टोरेंटों में कमरों व ग्राहकों की संख्या का अनुपात, मैरेज हॉल की पानी की खपत के अनुपात में इटीपी लगाने का मानक बोर्ड की ओर से तय किया गया है. इटीपी मशीन लगाने के बाद ही प्रदूषण बोर्ड प्रतिष्ठानों को एनओसी देगा.
कैसे काम करता है इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (इटीपी)
इटीपी मशीन का मतलब अपशिष्ट जल उपचार विधि है. यह औद्योगिक अपशिष्ट जल को दोबारा उपयोग करने लायक बनाता है. यह दूषित जल से कार्बनिक पदार्थों को अलग करता है.
इस संयत्र से सभी तरह के हानिकारक रसायन जल से अलग हो जाते हैं. जल को साफ करने के लिये संयत्र में भौतिक, रसायनिक व जैविक प्रक्रिया होती है. मशीन में कई तरह की झिल्ली भी लगी होती है जो पानी को कई स्तरों पर साफ करता है. जल शुद्धि से ताजे पानी की खपत कम हो जाती है. जल शुद्धिकरण के बाद इसका उपयोग दूसरे कार्यों के लिये किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदूषण बोर्ड भेज रहा नोटिस
यंत्र नहीं लगाने पर बंद कराये जायेंगे प्रतिष्ठान
प्लांट लगाने में न्यूनतम खर्च डेढ़ लाख
प्रदूषण बोर्ड के निर्देश के बाद शहर में भी इटीपी लगाने वाली कई एजेंसियों ने काम करना शुरू कर दिया है. इटीपी मशीन की न्यूनतम कीमत डेढ़ लाख है. इसके अलावा उपयोग किये हुये पानी को यहां तक लाने के लिए पाइप बिछाने का खर्च अलग से लगता है. मशीन में एक मोटर लगा रहता है जो हमेशा काम करता है. इससे शुद्ध होने वाले जल को बागवानी सहित अन्य काम के उपयोग में लाया जा सकता है.