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एनआईए के निशाने पर उत्तर बिहार के हार्डकोर नक्सली
मुजफ्फरपुर : बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद नक्सली अपने संगठन विस्तार के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. इस क्रम में अपराधियों के साथ ही बाहरी नक्सली संगठन से भी सांठगांठ कर रहे हैं.राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इसकी भनक लगी है. बाहरी माओवादी संगठन से यहां के नक्सली नेताओं के जुड़ने की […]
मुजफ्फरपुर : बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बाद नक्सली अपने संगठन विस्तार के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. इस क्रम में अपराधियों के साथ ही बाहरी नक्सली संगठन से भी सांठगांठ कर रहे हैं.राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को इसकी भनक लगी है. बाहरी माओवादी संगठन से यहां के नक्सली नेताओं के जुड़ने की आशंका से पुलिस हरकत में आ गयी है.
इस आशंका के बाद अब उत्तर बिहार के आधा दर्जन हार्डकोर व कमांडर स्तर के नक्सली एनआईए के रडार पर हैं. एनआईए लगातार उन नक्सलियों के गतिविधियों की रेकी कर रही है. इसके अलावा स्थानीय पुलिस को भी उनकी हर गतिविधि की सूचना दे रही है. परिणाम यह है कि पुलिस लगातार इनामी और वांटेड नक्सली कमांडरों को दबोचने में सफल रही है. गिरफ्तार नक्सलियों की निशानदेही पर उनके साथियों पर भी शिकंजा कसने में सफल रही है.
अनिल राम की गिरफ्तारी के बाद हुआ कई खुलासा
गत 18 मार्च को एसटीएफ ने नक्सली कमांडर अनिल राम सहित तीन को सदर थाने के भगवानपुर इलाके से गिरफ्तार किया था. उसकी निशानदेही पर बरुराज से कमलेश भगत की गिरफ्तारी हुई थी. उसके पास से अत्याधुनिक हथियार भी बरामद हुए थे. पूछताछ में अनिल और कमलेश भगत ने कई संगीन खुलासा किया था.
इसके बाद 29 अप्रैल को एनआईए ने अनिल राम व कमलेश भगत के विरुद्ध दर्ज कांडों की जांच शुरू कर दी. 16 मई को एनआईए अनिल को रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की. इसमें कई चौंकाने वाली बात सामने आयी. इसके बाद एनआईए और स्थानीय पुलिस सक्रिय हो गयी.
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