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जुलाई 11 दिन बीता, जिले में तीन फीसदी ही हुई धान की रोपनी
मुजफ्फरपुर : मॉनसून के कमजोर होने से किसान हताश हैं. उत्तर बिहार में अब तक सामान्य से कम वर्षा हुई है और इसका असर धान की खेती पर पड़ा है. मुजफ्फरपुर जिले में धान का बिचड़ा लगाने का जो लक्ष्य तय किया गया था, उससे करीब 3200 हेक्टेयर में कम बिचड़ा लगा है. आधा जुलाई […]
मुजफ्फरपुर : मॉनसून के कमजोर होने से किसान हताश हैं. उत्तर बिहार में अब तक सामान्य से कम वर्षा हुई है और इसका असर धान की खेती पर पड़ा है. मुजफ्फरपुर जिले में धान का बिचड़ा लगाने का जो लक्ष्य तय किया गया था, उससे करीब 3200 हेक्टेयर में कम बिचड़ा लगा है. आधा जुलाई बीतने को है, लेकिन धान की रोपनी भी सिर्फ 4449 हेक्टेयर में हुई है.इस साल धान की रोपनी का लक्ष्य एक लाख 46 हजार हेक्टेयर में है. कमोबेश यही हाल उत्तर बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मधुबनी व सीतामढ़ी सहित अन्य जिलों का भी है.
उत्तर बिहार के जिलों से रिपोर्ट मिल रही है, वह चिंता पैदा करने वाली है. एक तो धान का बिचड़ा कम क्षेत्र में लगा और जिन किसानों का बिचड़ा तैयार है, वे भी रोपनी के लिए वर्षा का इंतजार कर रहे हैं. किसान इस चिंता में डूबे हैं कि रोपनी हो गयी और पर्याप्त बारिश न हुई, तो किया गया निवेश भी बेकार जायेगा. जुलाई माह में वर्षा नहीं होती है तो धान के उत्पादन पर असर पड़ सकता है.
कुढ़नी प्रखंड के मनकौली गांव निवासी सुबोध राय बताते हैं कि उनका बिचड़ा तैयार है. लेकिन, पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण वे धान की रोपनी नहीं कर पा रहे है. केरमा गांव निवासी संतोष कुमार के मुताबिक, मॉनसून कमजोर पड़ने से धान की खेती पर बुरा असर पड़ा है. समय से बिचड़ा तैयार नहीं हो पाया. रोपनी भी समय से नहीं हो रही है. अब तो बिचड़ा गिराने की अवधि भी समाप्त हो चुकी है.
जून में 84.5 फीसदी कम हुई बारिश
मुजफ्फरपुर जिले में इस वर्ष जून माह में 84.5 प्रतिशत वर्षा कम हुई है. 164.1 मिमी वर्षा होनी चाहिए थी. लेकिन, जून माह में 25. 5 मीमी वर्षा हुई. वहीं, जुलाई माह में अब तक 83.81 प्रतिशत वर्षा कम हुई है. 304.8 प्रतिशत वर्षा होनी चाहिए थी. लेकिन अब तक 49.5 मीमी वर्षा ही हुई है. हालांकि, इस माह में अभी 19 दिन बाकी है. जबकि, बीते वर्ष 2017-18 के जून माह में 61.97 मिमी प्रतिशत कम वर्षा हुई. जुलाई, 2017 में 27. 4 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई थी.
बूंदाबांदी से बढ़ी उमस
मुजफ्फरपुर. मॉनसून के कमजोर पड़ने से जिले में अगले दो तीन दिनों तक तेज बारिश की उम्मीद नहीं है. आसमान में बादल छाये रहेंगे. बादल व धूप के बीच लुकाछिपी चलती रहेगी. बुधवार को सुबह से मौसम का तेवर चढ़ा हुआ था. दोपहर में बूंदाबांदी हुई. लेकिन, इससे राहत मिलने की बजाय उमस और बढ़ गयी. गर्मी से तप रहे लोगों को बेसब्री से झमाझम बारिश का इंतजार है.
जारी बुलेटिन के मुताबिक, मॉनसून के स्थिर होने के कारण यह स्थिति है. उत्तर बिहार के जिलों में अगले दो-तीन दिन तक मॉनसून के कमजोर पड़ने से हल्की बारिश हो सकती है. अगले पांच दिनों के अनुमान के अनुसार अधिकतम तापमान 35-36 डिग्री के बीच रह सकता है. न्यूनतम 25 से 27 डिग्री के बीच रहने की संभावना है. औसतन आठ से 12 किमी की रफ्तार में पूरबा हवा चलेगी. सापेक्ष आर्द्रता सुबह 90 से 95 प्रतिशत रहने की उम्मीद है.
उत्तर बिहार के बाकी जिलों में भी खराब हैं हालात
मुजफ्फरपुर. उत्तर बिहार के जिलों में भी कमोबेश यही हालात हैं. पर्याप्त बारिश नहीं होने से कहीं खेतों में बिचड़ा सूख रहा है तो कहीं, रोपनी नहीं हो रही है. पश्चिमी चंपारण में एक लाख 56 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी का लक्ष्य है, लेकिन अबतक मात्र 48 हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी हुई है, जो करीब 30 प्रतिशत है. वहीं पूर्वी चंपारण जिले में यह आंकड़ा 27 प्रतिशत है. यहां 85 हजार हेक्टेयर में रोपनी होनी है, लेकिन अब तक महज 49 हजार छह सौ 96 हेक्टेयर में ही रोपनी हुई है. मधुबनी मेें सिर्फ 17 फीसदी ही रोपनी हो सकी है. सीतामढ़ी जिले में 98 हजार हेक्टेयर में में अब तक 30581 हेक्टेयर में रोपनी हुई है, जो 31 प्रतिशत है. वहीं, दरभंगा में 15 फीसदी ही रोपनी हो सकी है. सबसे खराब हालात समस्तीपुर के हैं, जहां मात्र 10 फीसदी ही रोपनी हुई है.
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