स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ती जा रही है. इनके लिए अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण होना जरूरी है. बच्चों को जैसे-तैसे बैठा कर पढ़ाई करायी जाती है. नवसृजित विद्यालयों के निर्माण का प्लान भी नहीं बन रहा है. वहीं, प्रारंभिक स्तर पर लड़कियों की शिक्षा के लिए राष्ट्रीय प्रशिक्षण (एनपीइजीइएल) का कार्यक्रम बाधित है. इस संबंध में लगातार पत्राचार की कार्रवाई हो रही है, इसके बावजूद कोई प्रोग्रेस नहीं है. सूत्रों कहना है कि सरकार इस संबंध में नयी नीतियों पर विचार कर रही है. इसके बाद कुछ फायदा हो सकता है.
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तीन वर्षों से नहीं मिल रही सर्वशिक्षा अभियान की राशि, योजना ठप
मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार तीन वर्षों से सर्वशिक्षा अभियान मद में राशि नहीं दे रही है. राशि नहीं देने का काफी खराब असर जिले की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है. पैसे के अभाव में बच्चों की सुविधा से जुड़े कुछ नये आधारभूत संरचना के विकास के लिए कोई भी काम नहीं हो रहा है. […]
मुजफ्फरपुर: केंद्र सरकार तीन वर्षों से सर्वशिक्षा अभियान मद में राशि नहीं दे रही है. राशि नहीं देने का काफी खराब असर जिले की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है. पैसे के अभाव में बच्चों की सुविधा से जुड़े कुछ नये आधारभूत संरचना के विकास के लिए कोई भी काम नहीं हो रहा है. वहीं, कई तरह का प्रशिक्षण भी बाधित हो गया है. हालांकि, केंद्रीय फैसले के संदर्भ में कोई भी अधिकारी कुछ नहीं बता रहे हैं.
डीइओ ललन प्रसाद सिंह व डीपीओ प्रारंभिक शिक्षा सह सर्वशिक्षा अभियान असगर अली बताते हैं कि यह केंद्र सरकार का नीतिगत मामला है. इस संदर्भ में सरकार का जैसा निर्देश मिलेगा, वैसा काम होगा. वर्ष 2014-15 से इस योजना की राशि नहीं आ रही है. विभागीय सूत्रों का कहना है कि विभाग से इस मद की सभी उपयोगिता प्रमाणपत्र दिया जा चुका है.
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