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अपराधी के जरिये थानेदार ने घर में रखवायी चोरी की बाइक

मुजफ्फरपुर: थानेदार ने पहले अपराधी संग मिल कर एक घर में चोरी की बाइक, देशी पिस्तौल (कट्टा) व कारतूस रख दिया, फिर छापेमारी कर उसे बरामद कर लिया. इस मामले में पुलिस ने गृहस्वामी पर एफअाइआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. घटना को सही साबित करने के लिए थाने के पास स्थित स्टेशनरी दुकानदार […]

मुजफ्फरपुर: थानेदार ने पहले अपराधी संग मिल कर एक घर में चोरी की बाइक, देशी पिस्तौल (कट्टा) व कारतूस रख दिया, फिर छापेमारी कर उसे बरामद कर लिया. इस मामले में पुलिस ने गृहस्वामी पर एफअाइआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया. घटना को सही साबित करने के लिए थाने के पास स्थित स्टेशनरी दुकानदार व बरात में बाजा बजाने की अनुमति मांगने आये एक व्यक्ति को झांसा देकर जब्ती सूची का साक्षी बना लिया गया. इसका खुलासा अपराध अनुसंधान विभाग की जांच में हुआ है. मामला सकरा थानाक्षेत्र के मीरापुर गांव की है.
घटना तीन साल पुरानी है. अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में डीएम से आरोपित सकरा थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष सुदर्शन राम व उनके सहयोगी विक्की बैठा पर अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी है. विक्की बाइक चोरी के कई मामलों में प हले से ही आरोपित है. पीड़ित अभिषेक शर्मा फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर हैं. उन पर तत्कालीन थानेदार के स्वलिखित बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
थाने से ही छापेमारी की बात कह निकले थे : प्राथमिकी के अनुसार, रात्रि गश्ती के दौरान थानेदार को अभिषेक शर्मा के घर में हथियार छुपा कर रखे जाने की सूचना मिली, तो वे छापेमारी के लिए निकले. छापेमारी में शामिल सैप जवानों ने बताया गया कि उन्हें थाने पर ही बताया गया था कि छापेमारी के लिए जाना है. छापेमारी के क्रम में थानेदार के एक बाइक पर सवार दो युवकों से बात करने की बात भी सामने आयी है.
रात्रि में छापेमारी, दिन में साक्षी से कराये हस्ताक्षर
18 अप्रैल, 2014 को अभिषेक शर्मा के घर पर छापेमारी की गयी थी. तब घर के सामने एक झोपड़ी से एक काले रंग की बिना नंबर व बिना कागजात वाली हीरो होंडा बाइक बरामद हुई. वहीं, लकड़ी के कुनाई रखे बोरे के अंदर से एक देशी पिस्तौल बरामद हुई. जब्ती सूची में दो स्वतंत्र गवाहों के हस्ताक्षर भी हैं. हालांकि, अपराध अनुसंधान विभाग ने जब मामले की जांच के क्रम में दोनों साक्षी से पूछताछ की, तो दोनों पलट गये. अरुण राय ने बताया कि वर्ष 1990 से वे थाने के समीप स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं. 18 अप्रैल, 2014 की सुबह थानेदार ने उन्हें बुलाकर निजी काम बता एक सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिया. दूसरे गवाह मनोज कुमार साह ने बताया कि वे 18 अप्रैल, 2014 को थाने पर बरात में बाजा बजाने की अनुमति लेने गये थे. वहां, थानेदार ने उनसे सादे कागज पर हस्ताक्षर करवा लिया.
दोनों पांच माह तक जेल में रहे थे साथ
अवर निरीक्षक सुदर्शन राम चकिया थाना में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में आरोपित रह चुके हैं. इस मामले में वे छह मई 2008 से 20 सितंबर 2011 तक शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद थे. वहीं, विक्की बैठा बाइक चोरी मामले में 26 अप्रैल 2011 से तीन मार्च 2012 तक उसी जेल में बंद था. आरोपित थानेदार और वह करीब पांच महीने तक एक साथ जेल में थे. आशंका है कि उसी दौरान दोनों की दोस्ती हुई थी. वर्ष 2012 में विक्की बैठा का अभिषेक शर्मा के छोटे भाई बुल्लू के बीच विवाद हुआ था. इसमें विक्की ने उसे छुरा घोंप कर घायल कर दिया था.

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