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सर्जनविहीन मुंगेर इस वर्ष कैसे हासिल करेगा 800 हाइड्रोसिल मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य

स्वास्थ्य विभाग ने मुंगेर जिले को इस वर्ष 800 हाइड्रोसिल मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य निर्धारित किया है.

इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य किया है निर्धारित

मुंगेर. स्वास्थ्य विभाग ने मुंगेर जिले को इस वर्ष 800 हाइड्रोसिल मरीजों के ऑपरेशन का लक्ष्य निर्धारित किया है. जबकि लगभग तीन साल से मुंगेर बिना सर्जन चिकित्सक के है. इस परिस्थिति में यह लक्ष्य हासिल करना मुश्किल भरा होगा. हालांकि स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत योजना से टैग जिले के निजी नर्सिंग होम के भरोसे अपना लक्ष्य पूरा करने की तैयारी कर रहा है.

सरकार द्वारा साल 2025 तक जिले में सभी हाइड्रोसिल मरीजों के ऑपरेशन को पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. जिसे लेकर जिले में अबतक कुल 800 हाइड्रोसिल के मरीजों को चिन्हित किया गया है. जिसका ऑपरेशन अगले साल तक स्वास्थ्य विभाग को कराना है. ऐसे में अब तीन साल से बिना सर्जन के चल रहे मुंगेर जिले के लिये मुश्किलें बढ़ने वाली है. जबकि मरीजों के लिये तो पिछले तीन साल से यह मजबूरी अब आदत बन गयी है.

निजी नर्सिंग होम के भरोसे हाइड्रोसिल ऑपरेशन का लक्ष्य

मुंगेर स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत योजना के तहत टैग जिले के निजी नर्सिंग होम के भरोसे हाइड्रोसिल ऑपरेशन का लक्ष्य की तैयारी कर रहा है. जिससे स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ मरीजों की भी परेशानी बढ़ेगी, क्योंकि आयुष्मान भारत योजना से टैग निजी नर्सिंग होम में केवल आयुष्मान योजना के तहत गोल्डन कार्डधारी मरीजों को ही निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी. जबकि बिना कार्ड वाले मरीजों को पैसे खर्च कर अपना हाइड्रोसिल ऑपरेशन कराना होगा, क्योंकि जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत गोल्डल कार्डधारियों की स्थिति भी बदहाल है. हाल यह है कि जिले में अबतक 7 लाख से अधिक लाभुकों में केवल 2.5 लाख लाभुकों को ही गोडल्न कार्ड मिल पाया है.

तीन साल से बिना सर्जन के चल रहा मुंगेर

मुंगेर.

लगभग 20 लाख की जनसंख्या वाला मुंगेर जिला पिछले तीन साल से बिना सर्जन के ही चल रहा है. हद तो यह है कि तीन साल से जनरल सर्जन के साथ हड्डी के सर्जन भी नहीं हैं. बता दें कि साल 2021 तक सदर अस्पताल में जनरल सर्जन के रूप में डॉ शाहिद मुर्तुजा थे. जबकि इसके अतिरिक्त तारापुर में एक सर्जन डॉ कुंदन थे. जिसमें अगस्त 2021 में पहले जनरल सर्जन के रूप में डॉ शाहिद मुर्तुजा इस्तीफा देकर सदर अस्पताल से चले गये. जबकि इसी साल नवंबर माह में जिले में एकमात्र बचे सर्जन डॉ कुंदन भी दूसरी जगह नौकरी होने पर इस्तीफा देकर चले गये. हालांकि इसके बाद साल 2024 के जुलाई माह में मुंगेर के शहरी एपीएचसी भगत सिंह चौक पीपलपांती रोड स्थित लेडी स्टेफिंस में जनरल सर्जन डॉ राहुल पटेल को नियुक्त किया गया, लेकिन अक्तूबर 2024 में सर्जन डॉ राहुल पटेल भी पीजी की पढ़ाई करने के लिये जिले से चले गये हैं. ऐसे में अब पूरा मुंगेर जिला बिना सर्जन के ही चल रहा है.विभाग द्वारा सर्जन दिये जाने का आश्वासन दिया गया है, जिससे हाइड्रोसिल सहित अन्य मरीजों का ऑपरेशन भी हो पायेगा. जबकि लक्ष्य को पूरा करने के लिये तब तक आयुष्मान भारत योजना के तहत टैग निजी नर्सिंग होम की मदद ली जायेगी.

डॉ विनोद कुमार सिन्हा, सिविल सर्जनB

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