मुंगेर: एक ओर जहां सूबे की सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से नारी सशक्तीकरण व नारी सम्मान की बात कर रही है और महिलाओं को पुरुष से अधिक सुविधा मुहैया करा रही. वहीं मुंगेर सदर अस्पताल में महिलाओं के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. महिलाओं के दवा काउंटर पर शेड तक की व्यवस्था नहीं है और चिलचिलाती धूप में घंटों महिलाएं अपने बच्चे के साथ छटपटाती रहती है.
सदर अस्पताल यूं तो कुव्यवस्थाओं से जकड़ चुका है और यहां की बदहाल स्थिति से आम लोग खासे परेशान हैं. खासकर समाज के निचले तबके के लोग अधिक पीड़ित हैं. क्योंकि संपन्न लोग तो बड़े नर्सिग होम व क्लिनिक में जाकर इलाज करा लेते. लेकिन गरीबों का सहारा सरकारी सदर अस्पताल ही है. रोगियों के सुख सुविधा एवं व्यवस्था के नाम पर करोड़ों रुपये सरकार द्वारा खर्च किये जा रहे. लेकिन हाल यह है कि 40 डिग्री के तेज धूप में भी महिलाएं खुले आसमान के नीचे खड़ी होकर दवा के लिए लाइन में लगी रहती है. संवेदनहीनता की स्थिति यह है कि सदर अस्पताल के अधीक्षक सह सिविल सजर्न कहते हैं कि वे पहले देख लेते हैं कि क्या व्यवस्था है. इसके बाद व्यवस्था की जायेगी.
धूप में खड़ा रहकर महिलाएं लेती है दवा
मुंगेर. लल्लू पोखर निवासी बेबी देवी ने बताया कि यहां सिर्फ डॉक्टर को धूप लगता है. इसलिए वे लोग चैन से पंखे की हवा में बैठे रहते हैं. महिलाएं तो घर व बाहर दोनों जगह हमेशा कष्ट ही ङोलते आयी है. इसी कारण से शायद अस्पताल प्रबंधन को महिलाओं का कोई परवाह नहीं है. इसलिए महिलाएं इस चिलचिलाती धूप में खड़ा रह कर दवा ले रही है.
धूप के कारण ङोलनी पड़ती है परेशानी
मुंगेर. छोटी संदलपुर निवासी शीला रंजन ने बताया कि दवा लेने के चक्कर में यहां प्राय: घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. जिसके कारण काफी परेशानी ङोलनी पड़ती है. कभी-कभी तो लगता है कि गश्त खाकर गिर जायेंगे.
मां के साथ बच्चे भी रहते हैं धूप में खडे
मुंगेर. रिफ्यूजी कॉलोनी निवासी नेहा परवीन ने बताया कि छोटा बच्च को गोद में लेकर घंटों धूप में खड़ा रहना पड़ता है. उनके साथ- साथ बच्चे को भी खासे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पता नहीं बरसात के दिनों में दवा काउंटर पर महिलाओं को क्या परेशानी होगी.
महिलाओं के साथ हो रहा भेदभाव
मुंगेर. बिंदबाड़ा निवासी पूजा देवी ने बताया कि पुरुषों के लिए यहां शेड की व्यवस्था दी गयी है और महिलाओं को धूप में तपने के लिए छोड़ दिया गया है. अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
कहते हैं सिविल सजर्न
प्रभारी सिविल सजर्न डॉ रामेश्वर महतो ने बताया कि पहले हम देख लेते हैं कि दवा काउंटर की क्या स्थिति है. उसके बाद अस्पताल उपाधीक्षक से बात करेंगे कि शेड के लिए क्या व्यवस्था है.