मुंगेर जेल में बंद अपराधी ने बनायी रणनीति
मुंगेर जेल में बंद कुख्यात अपराधियों द्वारा जेल के अंदर से ही आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. वैसे तो कई बार इसका खुलासा हो चुका है, लेकिन उत्तम शर्मा हत्याकांड में जिस प्रकार पूरी रणनीति जेल के अंदर बनी और घटना को अंजाम दिया गया. इससे आम लोगों में दहशत है. क्योंकि पुलिस भले ही घटना के बाद अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल में बंद कर दे लेकिन अपराधियों के हाथ इतने लंबे हैं कि वह उसके बाद भी अपने शिकार को नहीं छोड़ता.
मुंगेर : रेस्टोरेंट संचालक एवं भाजयुमो नेता उत्तम शर्मा की हत्या के लिए एक गोली परएक लाख का सौदा तय था. पवन मंडल ने मुंगेर जेल में रोहित सिंह को यह कहा था कि जितनी गोली मारोगे उतना लाख मिलेगा. यही कारण था कि रोहित ने लगातार पांच गोलियां उत्तम के शरीर में उतार दिया और पांच लाख का डील तय हो गया.
जेल में ही सौंपी गयी थी हत्या की जिम्मेदारी. शातिर अपराधी पवन मंडल के दुश्मन उत्तम शर्मा की हत्या की पूरी पटकथा मुंगेर जेल में ही तय हुई थी. भाजपा नेता पंकज वर्मा हत्याकांड में जब फरवरी के प्रथम सप्ताह में गिरफ्तार होकर पवन मंडल जेल पहुंचा तो उसकी मुलाकात जमालपुर के कुख्यात अपराधी अमित मंडल से हुई. जो सजायाफ्ता कैदी के रूप में बंद है. दोनों ने दोस्ती का हाथ बढ़ाया और फिर तय हुई उत्तम की हत्या की रणनीति. हत्या को अंजाम देने के लिए अमित मंडल ने अपने खास रोहित सिंह, स्वीटी मंडल एवं दीपक शर्मा को जवाबदेही सौंपी. इसके लिए जेल में बैठ कर ही इन तीनों अपराधियों की जमानत की व्यवस्था की गयी. पवन मंडल ने राशि की व्यवस्था की और फिर न्यायालय से तीनों को जमानत मिल गयी. मार्च के प्रथम सप्ताह में ये तीनों अपराधी जेल से बाहर आये और इसका मकसद था उत्तम की हत्या.
17 मार्च को हुई थी रेस्टोरेंट में रेकी. उत्तम शर्मा की हत्या को लेकर उसके रेस्टोरेंट श्रुति में 17 मार्च को ही रोहित, स्वीटी व अन्य ने रेकी की थी. ये लोग उस दिन मुंगेर समाहरणालय में होने वाले शराब दुकानों की बंदोबस्ती को लेकर यहां इकट्ठा हुए थे. रेकी के दौरान रोहित ने उस दिन भी कोल्ड ड्रिंक्स लेकर पीया था और बाहर अपने सार्थियों को गाड़ी पर भी कोल्ड ड्रिंक्स का बड़ा बोतल भेजवाया था. उसी दिन उसने पूरे घटनाक्रम को अपने दिमाग में तय कर लिया था कि किस प्रकार उसे उत्तम शर्मा की हत्या करना है और हत्या के बाद किस प्रकार भागना है.
हत्या के लिए मिला था दो पिस्टल व एक अपाची. पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि रोहित सिंह को हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए पवन मंडल ने दो पिस्टल व एक नई अपाची गाड़ी उपलब्ध करायी थी. उन्होंने बताया कि पवन मंडल ने अपने सहयोगी दीपक शर्मा से एक नाइन एमएम पिस्टल एवं 15 कारतूस रोहित को भेजभाया था. दीपक ने एसपी कार्यालय में पत्रकारों के समक्ष यह स्वीकार भी किया कि उसने पिस्टल व कारतूस जमालपुर जुबली वेल स्थित बजरंग बली मंदिर के पीछे रोहित को दिया था. इसके साथ ही स्वीटी ने भी बांक गांव के नवीन कुमार से एक पिस्टल लेकर रोहित को दिया था. जबकि रोहित को पवन मंडल के लोगों ने शो रूम से एक अपाची मोटर साइकिल भी दिलायी थी.
हत्या में रेड कैप गोली का हुआ इस्तेमाल. पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि उत्तम शर्मा की हत्या में अपराधियों ने रेड कैप गोली का इस्तेमाल किया है. जिसकी मारक क्षमता अधिक प्रभावकारी है. उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही कि यह गोली कहां से आपूर्ति हो रही है और इसका इस्तेमाल कहां-कहां होता है.
अमित चला रहा संगठित आपराधिक गिरोह. एसपी वरुण कुमार सिन्हा का कहना है कि जेल में बंद अमित मंडल पूरी तरह एक संगठित आपराधिक गिरोह का संचालन कर रहा है. जिसमें जमालपुर के नयागांव निवासी स्वीटी मंडल, गोलू मंडल, जमुई सोनो के रोहित सिंह, बरियारपुर निवासी एतवारी मंडल, गोविंदा मंडल शामिल है. उन्होंने बताया कि ये लोग पूर्व से भी हत्या, रंगदारी एवं हथियार तस्करी के मामले में आरोपित रहा है. जबकि पवन मंडल भी मुख्यत: हथियार तस्करी से जुड़ा रहा है.
भागलपुर जेल जाकर अमित से मिला रोहित
उत्तम शर्मा हत्या के बाद जब मुंगेर जिला प्रशासन के अनुरोध पर राज्य सरकार ने जेल में बंद अमित मंडल व पवन मंडल को केंद्रीय कारा भागलपुर भेज दिया गया तो सोमवार को रोहित सिंह, स्वीटी मंडल व गोलू मंडल भागलपुर जाकर पवन मंडल व अमित मंडल से मिला. स्वीटी ने एसपी कार्यालय में बताया कि एक जाइलो पर सवार होकर वे सभी लोग भागलपुर गये थे. रोहित व अमित मंडल ने अलग में हट कर कुछ गुफ्तगू भी किया था. जबकि स्वीटी, गोलू कुछ खाने-पीने का समान लाकर अमित को दिया था.
संजीव मंडल को मिला हाउस गार्ड
उत्तम शर्मा हत्या के बाद पवन मंडल का दूसरा शिकार संजीव मंडल की सुरक्षा जिला प्रशासन ने पूरी तरह चाक चौबंद कर दी है. एसपी वरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि संजीव मंडल को अंगरक्षक के साथ ही उसे तीन-1 का सशस्त्र हाउस गार्ड उपलब्ध करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि प्रशासन सुरक्षा को लेकर चौकस है.
उत्तम के बॉडीगार्ड ने नहीं चलायी थी गोली
एसपी वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि उत्तम शर्मा पर खतरा को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने उसे कारबाइन धारी बॉडीगार्ड उपलब्ध कराया था. प्रशिक्षित आरक्षी सन्नी गुप्ता को उसके सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. लेकिन घटना के दौरान उसने अपने कारबाइन से एक भी गोली नहीं चलायी. उन्होंने इस बात को पूरी तरह खारिज कर दिया कि अंगरक्षक सन्नी गुप्ता ने कारबाइन से फायर किया था लेकिन गोली नहीं चली. एसपी ने बताया कि कारबाइन की पूरी जांच करायी गयी है. जिसमें पाया गया कि उससे फायर ही नहीं किया गया था. जबकि कारबाइन पूरी तरह चालू हालत में व कारगर है.
