Motihari: मोतिहारी. न्यायपालिका के संवैधानिक अधिकारों को अक्षुण्ण रखना आवश्यक है. अगर न्यायपालिका के संवैधानिक अधिकारों में हस्तक्षेप होता है तो लोकतंत्र खतरे मे पड़ जायेगी. वकिलों को सामाजिक व्यवस्था में भाग लेना चाहिए. अधिवक्ता समाज का आईना होता है और समाज में जो भी घटनाएं घटित होती हैं उसपर नजर रखना उनका कर्तव्य है. उक्त बातें जिला विधिज्ञ संघ के हाल में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता एवं एडवोकेट एसोसिएशन के पूर्व कन्वेनर योगेश चन्द्र वर्मा के कही. कहा कि अधिवक्ताओं को मृत्योपरांत मिलने वाली राशि आठ लाख से बढ़ाकर पंद्रह लाख होनी चाहिए. साथ ही जूनियर अधिवक्ताओं के स्किल डेवलपमेंट पर सरकार को खर्च करना चाहिए एवं पांच हजार रुपये प्रतिमाह पांच साल तक लाईब्रेरी बनाने के लिए मिलना चाहिए.इस दौरान श्री वर्मा केशवानंद भारती केश का उल्लेख करते हुए बताया कि सरकार को पार्लियामेंट से कानून बनाने का अधिकार है परन्तु केशवानंद भारती मामले का हवाला देते हुए बताया कि सरकार संविधान के मुल ढांचा में परिवर्तन नहीं कर सकती है. मौके पर पूर्व महासचिव डां शम्भु शरण सिंह, नरेंद्र देव, अधिवक्ता विद्या सिंह, सुदामा राम,विजय कुमार सिंह, सहित अनेकों अधिवक्ता मौजूद थे.
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