Manish Kashyap News: तमिलनाडु मामले में फर्जी खबरों को प्रसारित करने के मामले में फरार चल रहे यूट्यूबर मनीष कश्यप ने शनिवार को बेतिया के जगदीशपुर ओपी में सरेंडर कर दिया. ईओयू की टीम पटना में मनीष कश्यप से पूछताछ कर रही है. मनीष कश्यप के घर पर शनिवार को कुर्की जब्ती की जा रही थी. ये पुराने मामले में की जा रही कार्रवाई थी. मनीष पूर्व से ही कई केस में आरोपित व चार्जशीटेड रहा. वो जेल भी जा चुका है. जानिए क्या है पूर्व का इतिहास...
किंग एडवर्ड-7 की प्रतिमा तोड़कर सुर्खियों में आया
मनीष कश्यप खुद को एक इंजीनियर बताता है जो अब यूट्यूबर बनकर सच तक नाम से एक चैनल चलाता है. यूट्यूब के जरिए वो काफी फेमस हुआ लेकिन कई मामलों में वो पूर्व से ही उलझता चला गया. पुलिस की मानें, तो वर्ष 2019 में गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (तब एमजेके अस्पताल) परिसर में स्थापित किंग एडवर्ड-7 की प्रतिमा तोड़ने में मनीष कश्यप शामिल था. इसी मामले को लेकर वह सुर्खियों में आया था.
चुनाव भी लड़ा, जेल भी गया
बकायदा किंग एडवर्ड-7 की प्रतिमा तोड़ने के बाद वहां जश्न मनाया गया. तत्कालीन डीएम के हस्तक्षेप के बाद इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसके अलावा एक कॉलेज के प्राचार्य के आवास पर तोड़फोड़ के मामले में भी उस पर एफआइआर है. पूर्व में वह जेल भी जा चुका है. मनीष 2020 में चनपटिया से निर्दलीय विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है.
मनीष पर बेतिया जिले में दर्ज हैं सात मामले, एक में था फरार
मनीष कश्यप पर बेतिया पुलिस जिले में सात मामले दर्ज हैं. इनमें छह मामलों में वह जमानत पर है, लेकिन मझौलिया थाने में दर्ज कांड संख्या 193/21 में उसे हाइकोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी. उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गयी थी. इसी मामले में पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से कुर्की- जब्ती वारंट का आदेश प्राप्त किया, जिसके बाद शनिवार को पुलिस ने महनवा में संपत्ति को कुर्क किया.
कश्मीरी कारोबारियों पर हमले के मामले में भी हुआ था गिरफ्तार
इससे पहले मनीष कश्यप को 2019 में पटना पुलिस ने यहां ल्हासा मार्केट में कश्मीरी कारोबारियों के साथ मारपीट के मामले में गिरफ्तार किया था. उसके साथ उसके दो दोस्तों चंदन और नागेश सम्राट को गिरफ्तार किया गया था. दरअसल, 14 फरवरी, 2019 को कश्मीर पुलवामा में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद कम-से-कम 20 युवाओं ने लाठी-डंडों के साथ पटना के ल्हासा मार्केट में कश्मीरी कारोबारियों पर हमला बोल दिया था. साथ ही उन्हें कश्मीर लौटने की धमकी दी.
कश्मीरी कारोबारियों पर हमला मामले में पकड़ा गया था मनीष कश्यप
तत्कालीन एसएसपी गरिमा मलिक ने एसआइटी का गठन किया था. पुलिस ने मनीष कश्यप को उनके तीन साथियों के साथ पटना के अलग-अलग लोकेशन से पकड़ा था. हालांकि, सीजेएम अदालत ने तीनों को जमानत दे दी थी.
अपनी ब्रांडिंग के लिए अवैध तरीके से होर्डिंग लगवाए
बिहार पुलिस ने ट्वीट के जरिए जानकारी दी कि मनीष कश्यप पर जगह-जगह पर अपनी ब्रांडिंग के लिए अवैध तरीके से होर्डिंग भी लगवाए गए. पुलिस को पता चला है कि कई कोचिंग संस्थानों से अपने पक्ष में ब्रांडिंग के लिए पटना में अवैध तरीके से बिना अनुमति लिए होर्डिंग लगवाए. वहीं उसके बैंक खातों में करीब 50 लाख जमा राशि को फ्रिज किया गया है. जबकि वित्तिय गड़बड़ी भी सामने आ रही है जो जांच के दायरे में है.
Published By: Thakur Shaktilochan