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24 से 30 अप्रैल तक चलेगा विश्व टीकाकरण सप्ताह

संक्रामक रोग से बचाव के लिए बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी है. टीकाकरण से वंचित शिशुओं के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है. शिशुओं को समय पर टीकाकरण नहीं देने से यह खतरनाक हो सकता है.

मधुबनी. संक्रामक रोग से बचाव के लिए बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी है. टीकाकरण से वंचित शिशुओं के जीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ सकता है. शिशुओं को समय पर टीकाकरण नहीं देने से यह खतरनाक हो सकता है. टीकाकरण के महत्व पर बल देने के लिए 24 से 30 अप्रैल तक विश्व टीकाकरण सप्ताह मनाया जाता है. इसका उद्देश्य सभी आयु वर्ग के लोगों को बीमारी से बचाव के लिए टीकाकरण को बढ़ावा देना है. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष विश्व टीकाकरण सप्ताह को लेकर कई लक्ष्य निर्धारित किये गये है.. इसमें टीकाकरण को बढ़ावा देना, जीरो डोज व वैक्सीन के महत्व के प्रति जागरूकता लाना शामिल है. समय पर शिशु का टीकाकरण अहम सिविल सर्जन डॉ. नरेश कुमार भीमसारिया ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान व शिशु के जन्म के बाद समय पर टीकाकरण आवश्यक है. शिशु के जन्म के पहले साल में लगने वाला टीका काफी अहम होता है. इसमें बिलंब नहीं करना चाहिए, अन्यथा यह किसी भी बीमारी को न्योता दे सकता है. टीकाकरण चिकित्सक की निगरानी में दिलायें. शिशु या छोटे बच्चों के शरीर पर वातावरण में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया के हमले का असर होता है. वायरस या बैक्टीरिया के हमले से शरीर लड़ सके इसके लिए वैक्सीन रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करता है. शिशु के जन्म से पूर्व मां के गर्भावस्था से ही विभिन्न रोगों से सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण किया जाता है. गर्भवती महिलाओं को टेटनस—डिप्थिरिया वैक्सीनेशन दिया जाता है. टीकाकरण से शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जा रहा है. शिशु के लिए ये है जरूरी वैक्सीनेशन जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर एस के विश्वकर्मा ने कहा कि शिशु के जन्म के बाद बीसीजी ओरल पोलियो व हेपेटाइटिस बी का टीका अवश्य लगाना चाहिए. छह सप्ताह पर डीपीटी 1, आइपीवी 1, ओपीवी 1, रोटावायरस 1, न्यूमोकॉकल कॉन्जुगेट वैक्सीन दिलाना चाहिए. दस हफ्ते पर डीपीटी 2, ओपीवी 2 और रोटावायरस 2 दिया जाता है. 14 सप्ताह पर डीपीटी 3, ओपीवी 3, रोटावायरस 3, आइपीवी 2 और पीसीवी 2 दिया जाता है. नौ से 12 माह पर खसरा और रुबेला 1 दिया जाता है. 16 से 24 माह पर खसरा 2, डीपीटी बूस्टर 1, ओपीवी बूस्टर दिया जाता है. पांच से छह साल पर डीपीटी बूस्टर 2 का वैक्सीनेशन दिया जाता है. 10 साल तथा 16 साल पर टेटनस एंड एडल्ट डिप्थीरिया टीका दिया जाता है.

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