एनक्यूएएस प्रमाणीकरण से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर होगा असर राष्ट्रीय स्तर पर सर्टिफाइड होने पर हर वर्ष मिलेगा एक लाख 26 हजार रुपये, अस्पताल के उन्नयन में होगा खर्च मधुबनी . अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मंगलवार को एनक्यूएएस प्रमाणीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में सदर अस्पताल के प्रसव कक्ष के नोडल पदाधिकारी, प्रसव कक्ष प्रभारी, ओटी के नोडल चिकित्सा पदाधिकारी, ओटी प्रभारी, एसएनसीयू के नोडल चिकित्सा पदाधिकारी, एसएनसीयू प्रभारी, रक्त अधिकोष के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रयोगशाला प्रावैधिकी, आपातकाल के नोडल चिकित्सा पदाधिकारी, आपातकालीन विभाग प्रभारी, के साथ अधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक शामिल थे. प्रशिक्षण में अनुमंडलीय अस्पताल से अस्पताल प्रबंधक, प्रसव कक्ष प्रभारी एवं ओटी प्रभारी ने भी भाग लिया. वहीं प्रखंड स्तरीय 13 पीएचसी एवं सीएचसी के सीएचओ, स्टाफ नर्स एवं एएनएम ने प्रशिक्षण में शामिल हुए. प्रशिक्षण में सभी चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सात फैसिलिटी को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया गया. इसमें टीकाकरण, ओपीडी, ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन, 151 प्रकार की दवा, एमसीडी जांच, 14 प्रकार की जांच, साफ सफाई, वेलनेस, डे केयर फर्स्ट एड की सुविधा को शामिल कर सुदृढ़ करने के तरीके की जानकारी प्रशिक्षकों ने दी. एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन प्राप्त करने के बाद संबंधित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को हर साल 1 लाख 26 हजार रुपए की राशि सरकार द्वारा दी जाएगी. इस राशि का खर्च अस्पताल के उन्नयन में किया जाएगा. एनक्यूएएस के लिए अस्पतालों का मूल्यांकन प्रशिक्षण में जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा ने एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन से संबंधित जानकारी प्रशिक्षुओं को दी. उन्होंने कहा कि एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए प्रथम स्तर पर इंटरनल असेसमेंट व इसके बाद राज्य स्तरीय टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है. राज्य स्तरीय टीम के संतुष्ट होने पर केंद्रीय टीम को जांच के लिए लिखा जाता है. केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन के लिए अस्पतालों का 8 मानकों पर मूल्यांकन किया जाता है. मूल्यांकन में खरा उतरने वाले अस्पतालों को भारत सरकार द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है. 12 तरह की सेवाओं पर दिखेगा असर डीसीक्यूए रवि चौधरी ने स्वास्थ्य संस्थानों के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण को सही करार देते हुए कहा कि स्वास्थ्य संस्थान को एनक्यूएएस का प्रमाणीकरण मिलने पर वहां मिलने वाली 12 तरह की सेवाओं पर सकारात्मक असर होता है. एएनसी, टीकाकरण, ओपीडी, परिवार नियोजन, आउटरीच में होने वाली एक्टिविटी का विस्तार होता है. पेशेंट सटिस्फैक्टरी सर्वे से संस्थान पर उपलब्ध सेवाओं का विस्तार होता है. केंद्र पर इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होने का सीधा असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ता है. स्वस्थ माहौल का निर्माण होने से स्वास्थ्य के चहुंमुखी विकास की परिकल्पना साकार होता है. प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. कुणाल कौशल, डॉ. कुणाल शंकर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज मिश्रा, डीसीक्यूए रवि चौधरी, पिरामल फाउंडेशन के डिविजनल लीड महेंद्र सिंह सोलंकी, धीरज सिंह, नीता मरांडी, मृणाल कुमार सहित संबंधित नोडल चिकित्सा पदाधिकारी, नोडल प्रभारी, सीएमओ स्टाफ नर्स एवं एएनएम उपस्थित थी.
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