मधुबनी. अपर समाहर्ता मुकेश रंजन झा की अध्यक्षता में डीआरडीए स्थित सभागार में सातवीं लघु सिंचाई गणना एवं द्वितीय जल निकाय गणना के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, सहायक व प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी के साथ सदर अनुमंडल के सभी पर्यवेक्षक और प्रगणक उपस्थित थे. अपर समाहर्ता ने अपने संबोधन में गणना कार्य की आवश्यकता, महत्व एवं क्रियान्वयन के विषय में विस्तारपूर्वक बताया. जिला सांख्यिकी पदाधिकारी राकेश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के अधीन जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा सर्वेक्षण विभाग द्वारा सिंचाई के लघु स्त्रोतों से संबंधित विभिन्न आंकड़े के संग्रहण के लिए प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल पर लघु सिंचाई गणना कारायी जाती है. लघु सिंचाई गणना के मास्टर ट्रेनर सहायक व सांख्यिकी पदाधिकारी लखनौर प्रभात रंजन अंबष्ट ने कहा कि प्रथम लघु सिंचाई गणना 1986-87 में करायी गयी थी. इसी कड़ी में वर्तमान गणना सातवीं लघु सिंचाई गणना संदर्भ वर्ष 2023-24 का क्रियान्वयन किया जाना है. इस गणना के तहत जून 2024 से पहले जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सभी राजस्व ग्राम में स्थायी या अस्थायी रूप से कार्यरत सिंचाई के लघु साधनों यथा- कुआं एवं नलकूप की गणना कराई जाएगी. वर्तमान गणना के साथ ही जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में द्वितीय जल निकाय गणना के अन्तर्गत तालाबों की गणना की जाएगी. दोनों गणना कार्य मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से डिजिटल रूप में कराया जाना है. यह गणना कार्य सभी नामित प्रगणकों एवं पर्यवेक्षकों द्वारा 1102 राजस्व ग्राम एवं संबंधित सभी शहरी वार्डों में सम्पन्न कराया जाएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे सत्र में फसल सांख्यिकी के अन्तर्गत फसल कटनी प्रयोग का भी विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण दिया गया.
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