मधुबनी. भारतीय स्टेट बैंक की ओर से जीविका दीदियों एवं स्वयं सहायता समूह के बीच ऋण वितरण के मेगा शिविर का आयोजन होटल गोकुल राज मे किया गया. शिविर को भारतीय स्टेट बैंक के महाप्रबंधक आर. नटराजन, उपमहाप्रबंधक मुजफ्फरपुर प्रफुल्ल कुमार झा, उपमहाप्रबंधक सिद्धनाथ ठाकुर, मधुबनी के क्षेत्रिय प्रबन्धक कन्हैया, मुख्य प्रबंधक कुंदन कुमार जीविका के डीपीएम मधुबनी मो. वसीम अंसारी, डीपीएम सीतामढ़ी उमा शंकर भगत और जीविका की दीदियों ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इस मेगा कैंप का मुख्य उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उनके वित्तीय समावेशन को प्रोत्साहित करना था. इस दौरान जीविका दीदियों को कुल 30 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण किया गया. जिससे वे अपने उद्यमों को आगे बढ़ा सकें और आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सके. कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वयं सहायता समूहों की भूमिका, उनके आर्थिक योगदान और ग्रामीण विकास में उनकी महत्ता पर प्रकाश डाला. बैंक अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया महिला सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन की दिशा में अपने प्रयासों को और मजबूत करेगा. महाप्रबंधक ने अपने संबोधन में कहा कि स्वयं सहायता समूहों को ऋण प्रदान करना सिर्फ वित्तीय सहायता नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का एक सशक्त माध्यम भी है. उन्होंने जीविका दीदियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे इस ऋण का सही उपयोग कर अपने व्यवसायों का विस्तार करें और अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करें. इस अवसर पर उप महाप्रबंधक एवं क्षेत्रीय प्रबंधक ने भी अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि एसबीआइ हमेशा समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए प्रतिबद्ध है. जीविका दीदियों को आश्वासन दिया कि बैंक हर संभव सहायता प्रदान करेगा, जिससे वे अपने स्वरोजगार और छोटे व्यवसायों को सफलतापूर्वक संचालित कर सकें. इस कार्यक्रम में जीविका के अधिकारियों एवं विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और अपने अनुभव साझा किए. कई जीविका दीदियों ने इस ऋण के माध्यम से अपने व्यवसाय को बढ़ाने की योजना प्रस्तुत की. जिससे अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा मिली. इस सफल आयोजन ने महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने, ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और वित्तीय समावेशन को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की, जिससे अधिक से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल सके.
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