मधुबनी.
चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि शनिवार को हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हे दुःख भंजन, मारुति नंदन सुनलो मेरी पुकार, पवनसुत विनती बारंबार जैसे भक्ति गीत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में दिन भर गुंजायमान रहा. इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से बजरंग बली की पूजा अर्चना की. हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर स्टेशन चौक स्थित हनुमान प्रेम मंदिर में बजरंगबली को 56 प्रकार का महा प्रसाद भोग लगाकर भक्तों में प्रसाद वितरण किया. हनुमानजी को शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है. इस अवसर पर हनुमान भक्तों में काफी उत्साह दिखा. स्टेशन चौक स्थित हनुमान प्रेम मंदिर के पुजारी पं. पंकज झा शास्त्री ने कहा कि हनुमान जी का जन्म कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को हुआ था. जबकि चैत्र मास पूर्णिमा तिथि में हनुमान जी को जीवन दान मिला था. इसलिए यह दोनों ही तिथि अति महत्वपूर्ण है. दोनों ही दिन हनुमान जयंती मनाने पर हनुमान जी प्रसन्न होकर श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. हिंदू धर्म में हनुमान जयंती का विशेष महत्व है. इस दिन प्रभुश्री राम भक्त की पूजा-अर्चना की जाती है और व्रत रखा जाता है. हनुमान जी को सभी संकटों को दूर करने वाले और हर परेशानी से निजात दिलाने वाले देवता माना जाता है. इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी इकलौते ऐसे देवता हैं, जो कलयुग मे भी धरती पर वास करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं. हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन की जाती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

