झंझारपुर. प्रखंड के सुखेत गांव स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पर मखाना फसल की उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से फसल विचार गोष्ठी आयोजित हुई. इफको के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में नेशनल रिसर्च सेंटर मखाना के वरीय वैज्ञानिक डॉ. बकुल रंजन जीना बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे. कार्यक्रम की शुरुआत नेशनल रिसर्च सेंटर मखाना दरभंगा के डॉ. बकुल रंजन जीना, इफको पटना के राज्य विपणन प्रबंधक एसके पालीवाल, कृषि विज्ञान केंद्र सुखेत के वरीय वैज्ञानिक डॉ. एसके गंगवार, कृषि सेवा केंद्र इफको पटना के डॉ. रमेश कुमार, एनआरसी के वैज्ञानिक एसएम राउत, आयोटेक पटना ड्रोन बनाने कंपनी के धीरेंद्र कुमार, प्रगतिशील किसान रामसुंदर महतो, महेश्वर ठाकुर एवं क्षेत्रीय प्रबंधक इफको के कुणाल कुमार ने की. मौके पर मुख्य अतिथि ने कहा कि नैनो यूरिया प्लस एवं नैनो डीएपी को मखाना में प्रयोग से मखाना की उपज अधिक होती है. उन्होंने इसके उपयोग के बारे में विस्तार से उपस्थित किसानों को बताया. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा घोषित मखाना बोर्ड का सकारात्मक प्रभाव दिखने लगा है. लगभग 50 हजार मखाना उत्पादक किसानों को सीधे ऋण मिलेगा. कहा कि देश में कुल मखाना उत्पादन का 85 प्रतिशत तथा विश्व के कुल उत्पादन का 60 प्रतिशत हिस्सा बिहार के मिथिलांचल से आने की बात बताया. कार्यक्रम के संचालन किसान सलाहकार अजय कुमार दास ने किया. कार्यक्रम में प्रगतिशील किसान झंझारपुर एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी के अध्यक्ष बेनाम प्रसाद, निदेशक सुंदर श्याम मिश्र, विंदेश्वर झा, योगेन्द्र मुखिया, विंदेश्वर राउत, प्रवीण कुमार यादव, दिनेश यादव, राम गुलाम प्रसाद चौरसिया, राम सुंदर महतो, महेश्वर ठाकुर, राकेश कुमार झा, ऊषा देवी, ममता देवी, गुड्डू, सुशीला देवी, यशोदा देवी, पुर्णिमा देवी, बिना देवी, रामो देवी सहित दर्जनों मखाना उत्पादक महिला किसान उपस्थित थे.
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