मधुबनी : सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम करने की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सदर अस्पताल में पिछले तीन वर्षो से पोस्टमार्टम कार्यो में चिकित्सकों की सहायता करने वाले कर्मी गुड्डु मल्लिक ने सहयोग करने से हाथ खड़ा कर दिया है. उसने गुरुवार को सिविल सजर्न डॉ ओम प्रकाश प्रसाद को इसको ले आवेदन दिया है. ज्ञात हो कि लाश को चीड़फाड़ करने वाला गुड्डू जिला में एक मात्र आदमी है.
क्या है मामला : गुड्डू मल्लिक के पिता ओम प्रकाश मल्लिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के कार्य पूर्व में कराते थे. 26 मार्च 2012 को सेवाकाल में ही उनकी मृत्यु हो गयी थी. स्व मल्लिक की मौत के बाद उनकी पत्नी मीरा देवी को सेवांत लाभ सहित अन्य लाभ जिला स्वास्थ्य समिति से दी गयी. पिता के मृत्यु के उपरांत गुड्डु मल्लिक अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए सारे कागजात अस्पताल उपाधीक्षक के कार्यालय में समर्पित किया. उपाधीक्षक ने मई 2014 में अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए उसे सीएस कार्यालय को अग्रसारित कर दिया गया था.
अनुकंपा समिति में नहीं हुआ विचार : बुधवार को समाहरणालय के सभागार में डीएम गिरिवर दयाल सिंह की अध्यक्षता में अनुकंपा समिति की बैठक में गुड्डू के आवेदन पर विचार नहीं होने से ही उसने पोस्टमार्टम में हिस्सा नहीं लेने का आवेदन सीएस को दिया है.
1500 रुपये मिलता है मासिक : गुड्डू के अनुसार पोस्टमार्टम कार्य कराने के लिए उसे रोगी कल्याण समिति से 1500 रुपये मासिक दिया जाता है. उसने अपने आवेदन में यह स्पष्ट किया है कि जब तक अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति पत्र उसे प्राप्त नहीं होगा वह पोस्टमार्टम कार्य में सहयोग नहीं करेगा.
समस्या होगी उत्पन्न : पोस्टमार्टम कार्य को संपन्न कराने में सहयोग करने वाले कर्मी का कार्य से इनकार से भीषण समस्या उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि जिले भर में कहीं भी हत्या, लावारिस, शव, जले हुए शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में ही होता है. शव की स्थिति कई बार अत्यंत ही खराब अथवा सड़ी गली अवस्था में होती, जिसका पोस्टमार्टम होता है.
क्या कहते हैं अधिकारी : सिविल सजर्न डॉ ओम प्रकाश प्रसाद ने बताया कि बुधवार को दफादार चौकीदार अनुकंपा समिति की बैठक थी. इसमें गुड्ड मल्लिक का आवेदन शामिल नहीं किया गया. स्थापना की अनुकंपा समिति की बैठक जब होगी तब इसके आवेदन पर विचार किया जायेगा. कागजात अगर सही होंगे तो अनुकंपा पर नियुक्ति होगी.