तैनात अफसर व जवान बाइक को सड़क से हटाने में ही रहते हैं व्यस्त
पहले चार अफसर व 16 सिपाही थे न्यायालय की सुरक्षा में तैनात
मधुबनी : व्यवहार न्यायालय से दिन व दिन सुरक्षा में कमी की जा रही है. आलम यह है कि इन दिनों मात्र पांच पुलिस बल के सहारे सुरक्षा को दुरुस्त रखने के दावे हो रहे हैं. बता दें कि विभिन्न न्यायालयों में हुए घटनाओं को लेकर जिले में व्यवहार न्यायालय में भी सुरक्षा का कड़ी व्यवस्था की गई थी. लेकिन समय बीतते प्रशासन द्वारा न्यायालय के सुरक्षा प्रति उदासीन होती जा रही है.
जहां प्रारंभ में न्यायालय परिसर में 4 अफसर एवं 16 सिपाही से परिसर की सुरक्षा किया जाता था. वर्तमान मे मात्र एक अफसर व 4 सिपाही के भरोसे परिसर की सुरक्षा हो रही है. जिस कारण मुख्य दरवाजा पर बिना चेकिंग के ही लोग आवाजाही कर रहे हैं.
जिलों के न्यायालय परिसर में हुए हमले के बाद व्यवहार न्यायालय की सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त बनाने की शुरू हुई थी. इसके तहत आठ प्रवेश द्वार चिह्नित कर 16 सिपाही व 4 अफसर को तैनाती की गई थी. वहीं न्यायालय में न्यायिक कार्य प्रारंभ होने से पहले बम निरोधक यंत्र से परिसर की जांच होती थी. लेकिन अब मात्र 1 सुरक्षा प्रभारी सहित 4 सिपाही ही परिसर के सुरक्षा में तैनात है.
यातायात व्यवस्था को सुचारू करने में बीतता है समय : न्यायालय में आने वाले पक्षकार व आम लोग न्यायालय परिसर में बने सड़क के दोनों ओर इस प्रकार से वाहन को खड़ा कर देते है कि लोगों को पैदल चलना मुश्किल हो जाता है. वहीं जांच में लगे सुरक्षा कर्मी सड़क पर लगे वाहन को ठीक करने में लगे रहते हैं.
जहां हर आने जाने वाले को व्यापक रूप से जांच की जाती थी. वहीं धीरे- धीरे सुरक्षा में कमी आती गई. आलम यह है कि चार सुरक्षा कर्मी व एक पदाधिकारी से हो रहा है. लेकिन उक्त सुरक्षा कर्मी द्वारा भी लापरवाही बरती जा रही है. कभी एक सुरक्षा कर्मी रोड किनारे तो कभी दूसरा किसी दुकान पर बैठ कर समय बिता रहे हैं. इधर आम लोग बिना रोक टोक के परिसर स्थित इजलास तक पहुंच जाते हैं.