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फार्मासिस्ट पर कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सकों में आक्रोश

मधुबनी : चिकित्सकों के साथ फर्मासिस्ट द्वारा मारपीट करने का मामला गरमाने लगा है. फर्मासिस्ट पर कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त है. चिकित्सकों ने शुक्रवार को ओपीडी और इमरजेंसी सेवा को पूरी तरह से ठप करने की चेतावनी दी है. हालांकि इस संबंध में गठित जांच टीम द्वारा अंतरिम आदेश के तहत […]

मधुबनी : चिकित्सकों के साथ फर्मासिस्ट द्वारा मारपीट करने का मामला गरमाने लगा है. फर्मासिस्ट पर कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सकों में आक्रोश व्याप्त है. चिकित्सकों ने शुक्रवार को ओपीडी और इमरजेंसी सेवा को पूरी तरह से ठप करने की चेतावनी दी है.

हालांकि इस संबंध में गठित जांच टीम द्वारा अंतरिम आदेश के तहत फर्मासिस्ट को तीन दिनों के अंदर अपना प्रभार किसी अन्य फर्मासिस्ट को सौंपने का निर्देश दिया गया है. लेकिन चिकित्सक इस कारवाई से संतुष्ट नहीं है. पीड़ित चिकित्सक डाॅ शंकर चौधरी द्वारा सीएस डाॅ मिथिलेश झा से मौखिक रूप से फर्मासिस्ट को तत्काल हटाने की मांग किया है. साथ ही कारवाई नहीं होने पर इंज्यूरी नहीं लिखने की बात भी कहा है.

क्या है मामला. 13 अक्तूबर की रात में पोस्टमार्टम के लिये एक शव आया. इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक डा़ शंकर चौधरी व पोस्टमार्टम कार्य संपादित करने वाले फर्मासिस्ट जय प्रकाश चौधरी के बीच पोस्टमार्टम को लेकर कहासुनी हो गई. बाद में फर्मासिस्ट ने चिकित्सक के साथ मारपीट भी की. इस संबंध में डा़ शंकर चौधरी ने बताया कि फार्मासिस्ट से पोस्टमार्टम कर्मी को बुलाने के लिये कहा. इतनी सी बात पर अभद्र व्यवहार करने लगा. मारपीट भी किया. फर्मासिस्ट ने बताया कि चिकित्सक द्वारा गाली गलौज किया गया. जिसके बाद कई चिकित्सकों के समक्ष डा़ शंकर चौधरी से मांफी भी मांगी.
सीएस की अध्यक्षता में टीम गठित. चिकित्सक द्वारा मारपीट की घटना को लेकर सीएस की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया गया है. सीएस डा़ मिथिलेश झा, एसीएमओ डा़ एसपी सिंह, सीडीओ डा़ आरके सिंह, वरीय चिकित्सा पदाधिकारी डा़ डीएस मिश्रा शामिल हैं.
जांच टीम मंगलवार को पीड़ित चिकित्सक और फार्मासिस्ट में लिखित रूप में अपना पक्ष रखने को कहा गया. जिसके बाद गुरुवार को मामले में गवाहों का बयान जांच टीम द्वारा लिया गया. साथ ही इमरजेंसी में लगे सीसीटीवी कैमरा को भी खंगाला गया. जिसके बाद जांच टीम अंतरिम आदेश के तहत फर्मासिस्ट जय प्रकाश कुमार को अपना प्रभार तीन दिनों के अंदर सौंपने का निर्देश दिया गया. हालांकि टीम के इस निर्णय से पीड़ित चिकित्सक सहित कई अन्य चिकित्सक संतुष्ट नहीं हुये.
इस संबंध में डा़ राजीव रंजन, डा़ एसके झा, डा़ राम निवास कुमार, डा़डीके झा ने कहा कि जांच टीम द्वारा लिये गये निर्णय का जबतक क्रियान्वयन नहीं होता कार्य का बहिष्कार करेंगे. इस संबंध में सीएस डा़ मिथिलेश झा ने बताया कि तत्काल फर्मासिस्ट को प्रभार सौंपने का निर्देश दिया गया हे. समीक्षा के बाद जांच टीम द्वारा आगे की कारवाई पर निर्णय लिया जायेगा.

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