17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समरसेबुल से सूख रहे चापाकल

दो साल में दो सौ से अधिक लगे समरसेबुल रोकने के लिए नप के पास गाइडलाइन ही नहीं मधुबनी : नप की उदासीन रवैया कहे या विभाग की शिथिलता कि बिना आदेश के ही शहर में बीते दो साल में तीन सौ से अधिक समरसेबुल पंप लग गया. ये सारे समरसेबुल पंप नप के बिना […]

दो साल में दो सौ से अधिक लगे समरसेबुल

रोकने के लिए नप के पास गाइडलाइन ही नहीं
मधुबनी : नप की उदासीन रवैया कहे या विभाग की शिथिलता कि बिना आदेश के ही शहर में बीते दो साल में तीन सौ से अधिक समरसेबुल पंप लग गया. ये सारे समरसेबुल पंप नप के बिना आदेश के लगाये जा रहे हैं. पर नप ने आज तक किसी के उपर कोइ कार्रवाइ नही किया. नप के अधिकारी खुद मानते हैं कि यह गलत है, पर विभाग के द्वारा गाईड लाईन ही अब तक नहीं दिया गया है. जिस कारण नप के अधिकारी समरसेबुल पंप लगाने वालों के उपर कार्रवाइ नहीं कर रहे. दिन व दिन लगते जा रहे ये समरसेबुल पंप जल संकट का मुख्य कारण बनता जा रहा है.
दो साल में दो सौ से अधिक समरसेबुल पंप ने ढाया कहर : नगर क्षेत्र की पड़ताल में यह बात सामने आया है कि बीते दो साल मे करीब दो सौ समरसेबुल पंप लगाया गया है. इसके अलावे करीब एक दर्जन लोगों ने पानी का कारोबार शुरू किया है. यह समरसेबुल पंप आम लोगों पर कहर ढा दिया है. पीएचईडी कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार बताते हैं कि एक समरसेबुल पंप यदि कहीं पर लगता है तो उसके 50 से 100 मीटर के रेडियस में पांच से दस फुट तक जल स्तर तत्काल नीचे चला जायेगा.
ऐसे में जिस प्रकार से समरसेबुल पंप लगाने की प्रबृति बढती जा रही है आने वाले एक दो साल में स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा स्वत: ही लगाया जा सकता है. वर्तमान में शहर का जल स्तर बीते तीस साल में सबसे नीचे चला गया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर का जल स्तर वर्तमान में 30 से 35 फुट नीचे चला गया है.
अधिकारी भी कम नहीं : स्थानीय ऑफिसर कॉलोनी मात्र चार एकड़ में फैला है. इसमें करीब 65 अधिकारी व कर्मी का आवास है. इसमें करीब आधा दर्जन समर सरेबुल चापाकल लगा दिया गया है. इससे अधिकारियों व कर्मियों को भले ही जल संकट से निजात मिल गया है, पर इसने आस पास के लोगों को परेशान कर दिया है. इलाके के साधारण चापाकल पानी नहीं दे रहा है. साधारण चापाकल से पानी नहीं आने के कारण ऑफिसर कॉलोनी के कई लोग परेशान हैं. मुहल्ला बासी राजीव झा, अशोक कुमार,पंकज श्रीवास्तव, मो.इस्माइल ने बताया कि समर सरेबुल चापाकल के कारण ही इस तरह का परेशानी हो रही है.
नहीं मिली है गाइडलाइन इसलिए चुप हैं हम : नगर परिषद के सीटी मैनेजर नीरज कुमार बताते हैं कि समरसेबुल पंप लगाना पूरे तौर पर गलत है. पर अब तक विभाग की ओर से या स्थायी समिति के द्वारा ही प्रशासन को ऐसा कोइ गाइड लाईन नहीं दिया गया है. जिसके आधार पर समरसेबुल पंप लगाने वालों पर कार्रवाई की जाये. कहा है महानगरों में इस प्रकार जल संकट होने पर न सिर्फ समरसेबुल लगाने पर पाबंदी लगा दी जाती है बल्कि किसी भी प्रकार के कंस्ट्रक्शन कार्य पर भी रोक लग जाता है. यहां पर यह नहीं किया जा रहा.
चापाकल पर भीड़ : शहर का अधिकांश चापाकल खराब हो गया है. जहां कहीं भी चापाकल चल रहा है उस चापाकल पर पानी लेने वालों की भीड़ लग जाती है. प्राय: हर वार्ड में इस प्रकार की परेशानी हो गयी है. रविवार को नप के द्वारा विभिन्न मुहल्लों में टैंकर पर पानी लोड कर लोगों के बीच पहुंचाया जा रहा है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें