मधुबनी : सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में दो दिनों से सफाई कार्य ठप है. जिसके कारण एसएनसीयू में कार्यरत कर्मी व इलाजरत नवजात को संक्रमण फैलने का भय व्याप्त है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा अब तक सफाई मामले में कोई व्यवस्था नहीं की गयी है.
सफाई व्यवस्था नहीं होने से संक्रमण के भय से तीन बच्चों को परिजनों द्वारा रेफर कराया गया है. सफाई व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में कई और नवजात के भी रेफर होने की सूचना है.
36 माह में 18 हजार रुपये का भुगतान. एसएनसीयू में आउट सोर्सिंग एजेंसी के द्वारा सफाई कर्मी सुमिला देवी की नियुक्ति की गई है. लेकिन एजेंसी द्वारा सफाई कर्मी का नियमित भुगतान नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण होली पर्व के समय भी तीन दिनों तक एसएनसीयू में सफाई कार्य ठप रहा.
विदित हो कि सफाई कर्मी को एजेंसी द्वारा 36 माह में महज 18 हजार रुपये ही भुगतान किया गया है. बताते चलें कि एसएनसीयू में जन्म के बाद गंभीर रूप से ग्रसित बच्चों को भर्ती कर इलाज किया जाता है. आलम यह है कि दो दिन पूर्व किसी नवजात को दिये जाने वाले आइसोलेट पी दवा का टूटा हुआ शीशा आज तक एसएनसीयू में वैसे ही पड़ा हुआ है. जिससे कभी भी किसी कर्मी के घायल होने की आशंका है. इतना ही नहीं एसएनसीयू के रेडियेंट वारमर जिसे प्रतिदिन बदलना अनिवार्य है.
वह भी दो दिनों से नहीं बदला जा रहा है. एसएनसीयू में गुरुवार तक 10 गंभीर बीमारी से ग्रसित 10 बच्चों की भर्ती किया गया था. जिसमें 8 लड़का व 2 लड़की शामिल है. एसएनसीयू के प्रभारी दीप माला ने बताया कि सफाई एजेंसी द्वारा नियुक्त सफाई कर्मी सुमिला देवी को एजेंसी द्वारा 36 माह में महज 18 हजार रुपये ही भुगतान किया गया है.
जिसके कारण वह दो दिनों से सफाई कार्य पर नहीं आ रही है. जबकि एजेंसी द्वारा नियुक्त अन्य सफाई कर्मी का भुगतान 25 मार्च तक कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि सफाई नहीं होने के कारण संक्रमण फैलने से इनकार नहीं किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना संबंधित पदाधिकारी को दे दी गई है. इसके बाद भी गुरुवार तक सफाई व्यवस्था ठप रही.