ग्वालपाड़ा.
प्रखंड क्षेत्र के मधुराम प्लस टू विद्यालय के मैदान में संत रामपाल जी महाराज का एक दिवसीय विशाल सत्संग कार्यक्रम भव्य रूप से आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में आसपास के गांवों व क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालु सत्संग में उत्साहपूर्वक भाग लिया.सत्संग में संत रामपाल जी महाराज ने सभी धर्मग्रंथों के आधार पर मानव जीवन के मूल उद्देश्य को स्पष्ट किया. उन्होंने बताया कि मानव जीवन केवल भोग-विलास के लिए नहीं है, बल्कि इसका वास्तविक ध्येय परमात्मा की प्राप्ति और मोक्ष मार्ग पर चलना है. उन्होंने बताया कि माया के कारण मनुष्य काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार जैसे विकारों में उलझा रहता है.इससे निकलने के लिए सच्चे सदगुरु की आवश्यकता होती है. संत ने गीता के अध्याय 15 के एक श्लोक का उल्लेख करते हुए कहा कि जो संत संसार रूपी उल्टे पीपल वृक्ष की जड़ से पत्ते तक को जानता है. वही तत्वदर्शी संत होता है. ऐसे संत के सत्संग से विकार छूटते हैं व जीवन शुद्ध होता है. सत्संग से ही हमें कर्मों में छिपे पाप व पुण्य का ज्ञान होता है. संत रामपालजी ने कहा कि सभी धर्मों का परमात्मा एक ही है. तत्वज्ञान के अभाव में मुसलमान जिसे कादर अल्लाह कहते हैं. वही हिंदु कृष्ण को सर्वशक्तिमान प्रभु मानते हैं. कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं ने भक्ति मार्ग अपनाने का संकल्प लिया. मौके पर स्थानीय सेवादार मनीष दास, सदानंद दास, बंशमणि दास, छब्बू दास, नवीन दास, नरेश दास, संजीव दास, निरंजन दास व अन्य सेवादार मौजूद थे .
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