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जिले में अतिक्रमण पर प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, पुरानी बाजार से एसडीएम आवास तक ध्वस्त हुये अवैध निर्माण

दुकानदारों एवं अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में स्थिति तुरंत नियंत्रण में आ गयी.

फोटो-मधेपुरा-

02-अधिकारी से बहश करते दुकानदार

03-डाक बंग्ला के समीप अतिक्रमण हटाते

04-सुभाष चौक के पास अतिक्रमण हटाने के दौरान लोगों की भीड़

05-जेसीबी से से अतिक्रमण हटाते

– दर्जनों दुकानदारों पर चला चालान, छोटे व्यवसायियों की रोजी-रोटी पर संकट-

प्रतिनिधि, मधेपुरा.

जिले में अतिक्रमणकारियों पर प्रशासन का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. सोमवार को तीसरे दिन भी अभियान पूरे जोर के साथ चला. पुरानी कहचरी चौक, पुरानी बाजार, थाना चौक एवं सुभाष चौक से एसडीएम आवास तक बुलडोजर की गर्जना सुनाई देती रही. नगर परिषद प्रशासन, मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की संयुक्त टीम ने सड़क किनारे दुकानों के आगे किये गये पक्के निर्माण, अवैध ढलाई, बढ़ाये गये प्लेटफॉर्म एवं सरकारी जमीन पर किये गये प्लास्टर को मौके पर ही ध्वस्त कर दिया.

– दर्जनों दुकानदारों पर कार्रवाई –

अभियान के दौरान दर्जनों दुकानदारों का चालान काटा गया, इससे बाजार क्षेत्र में हड़कंप मच गया. कई दुकानदार प्रशासन के सख्त तेवर को देखते हुये देर रात ही अपने होर्डिंग, शेड एवं सामान हटा चुके थे, फिर भी दुकानों के आगे की पक्की जमीन एवं अतिक्रमित ढांचे बुलडोजर की मार से नहीं बच सके. कई जगह दुकानदारों एवं अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई, लेकिन भारी पुलिस बल की मौजूदगी में स्थिति तुरंत नियंत्रण में आ गयी. लोग दूर खड़े होकर कार्रवाई देखते रहे, जबकि कई दुकानदार अपने टूटते निर्माण को असहाय होकर निहारते रह गये. तेज रफ्तार कार्रवाई से पूरा बाजार क्षेत्र कुछ देर के लिए अफरा-तफरी में डूब गया.

– छोटे व्यवसायियों की रोज़ी-रोटी पर असर –

इस अभियान का सबसे बड़ा असर ठेला-खोमचा लगाने वाले छोटे व्यवसायियों पर पड़ा है, इनकी रोज़ी-रोटी पर सीधा संकट आ गया है. बार-बार ठेला हटाने की मजबूरी और स्थायी जगह की कमी ने उनकी आय को बुरी तरह प्रभावित किया है. कई ठेला संचालकों ने कहा कि बिना वेंडिंग जोन या नियत स्थान मिले व्यापार चलाना लगभग असंभव हो गया है.

– शहरवासियों की मिली-जुली प्रतिक्रिया –

शहरवासियों की राय भी दो हिस्सों में बंटी दिखी कुछ लोगों ने कार्रवाई से सड़कों के चौड़े होने और यातायात में सुधार का स्वागत किया, वहीं कुछ ने छोटे दुकानदारों के पुनर्वास व्यवस्था की कमी पर सवाल उठाये. कुछ नागरिकों ने इसे आवश्यक कदम बताया, जबकि कुछ ने अभियान को राजनीतिक चश्मे से देखने की बात कही.

– नगर परिषद का स्पष्ट संदेश-

नगर परिषद प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अतिक्रमण के खिलाफ किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जायेगी. अधिकारियों ने कहा कि शहर को साफ-सुथरा, सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित बनाना हमारी प्राथमिकता है. सरकारी जमीन पर कब्जा अब हर हाल में खत्म होगा.

– आगे भी जारी रहेगा अभियान-

तीन दिनों से जारी इस ताबड़तोड़ कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि अब अवैध कब्जा नहीं चलेगा. आने वाले दिनों में शहर के अन्य भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में इसी तरह की कड़ी कार्रवाई जारी रहने की संभावना है. मधेपुरा इस समय बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है, एक ओर प्रशासन शहर को नए स्वरूप में ढालने में जुटा है, वहीं छोटे दुकानदार और ठेला व्यवसायी अपने भविष्य को लेकर नई उम्मीदों और चुनौतियों के बीच खड़े हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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