मधेपुरा. केंद्र की एनडीए सरकार ने जातीयगणना कराने का एतिहासिक निर्णय लेकर वंचित व शोषित पसमांदा समाज के साथ न्याय की उम्मीद जगा दी है. उक्त बातें पसमांदा मुस्लिम समाज के राष्ट्रीय संयोजक सह पीएमडीआरएफ के निदेशक प्रो फिरोज मंसूरी ने कही. प्रो फिरोज ने कहा कि इस महत्वपूर्ण फैसले से देश की संपूर्ण जनसंख्या पर सीधा प्रभाव होगा. सामाजिक न्याय के नारे, स्लोगन से निकल कर जमीन पर उतरेगी. जातीयगणना से समान अवसर व देश के संपूर्ण संसाधनों में समान वितरण, जनसंख्या अनुपात में सुनिश्चित होगी. उन्होंने कहा कि जातिगणना से समाज की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा. जनसंख्या के अनुपात में राजनितिक, आर्थिक व शैक्षिक के समान अवसर को संवैधानिक तरीके से वितरण की जायेगी. उन्होंने कहा कि आज जातीयगणना पर क्रेडिट की होड़ मची हुई है, लेकिन सबको अच्छी तरह ज्ञात है की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीयगणना की ठोस पहल कर, जातीयगणना की सबसे मजबूत बुनियाद रख दी थी. जिसका संपूर्ण क्रेडिट बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को जाता है. उनकी मजबूत इच्छा शक्ति के बदौलत करोड़ों लोगों के सपने को आधार मिला है. प्रो फिरोज ने कहा कि अब जबकी केंद्र की एनडीए सरकार ने जातीयगणना कराने का साहसिक फैसला ले लिया है तो पसमांदा मुस्लिम समाज इस ऐतिहासिक फैसले का हृदय से स्वागत करेगा.
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