उदाकिशुनगंज. वरिष्ठ पत्रकार और समाजसेवी बिनोद आशीष ने सरकार और प्रशासन से उदाकिशुनगंज अनुमंडल के चौसा और आलमनगर प्रखंड को पूर्ण रूप से बाढ़ आपदा क्षेत्र घोषित करने की मांग की है. साथ ही डीएम मधेपुरा को पत्र लिखकर अविलंब बाढ़ पीड़ितों के खाने और पशुओं के लिए चारा का इंतज़ाम करने का अनुरोध किया है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी परेशानी हमारे मां बहनों को शौच जाने में हो रही है. दुख की बात है कि उनकी अपने-अपने घर के अंदर शौच के लिए खुद का इंतज़ाम करना पड़ रहा है. क्यूंकि घर के अंदर और आसपास पानी भर चुका है जो दुर्भाग्यपूर्ण है. गौरतलब है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाढ़ की त्रासदी ने चौसा और आलमनगर प्रखंड की 14 पंचायत के दर्जनों गांव के अधिकांश लोगों और मवेशियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. जिससे एक लाख से ज्यादा लोग और मवेशी बुरी तरह प्रभावित है. खेत और घर की बात तो छोड़िये कई सड़कों के ऊपर भी पानी बह रहा है. बाढ़ के पानी का फैलाव लगातार बढ़ता जा रहा है. जिससे हजारों एकड़ धान और मक्के के आलावा अन्य फसलों का भी भारी नुकसान हुआ है. जिसका आकलन बाढ़ के पानी के उतरने के बाद ही हो पायेगा. विगत कई दिनों से पूरे क्षेत्र का भ्रमण करने के बाद बिनोद आशीष ने बताया कि चौसा प्रखंड के लौआलगान दोनों पंचायत, भटगांमा चौसा पश्चिमी, चिरोरी, पैना, फूलौत दोनों पंचायत, मोरसंडा के अलावा आलमनगर प्रखंड के खापुर, रतवारा, गंगापुर, इटहरी और बड़गाव पंचायत बुरी तरह प्रभावित है. सबसे बड़ी परेशानी आगे आने वाली है जब पानी उतरने के बाद गंभीर बीमारियों का प्रकोप से लोगों में भय व्याप्त है. इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार और प्रशासन को पांच मुख्य समस्या को देखते हुए तत्काल निर्णय लेकर उसके समाधान पर कार्य करना शुरू कर देना चाहिए. इनमें सबसे पहले राशन की व्यवस्था, पशुचारा का इंतज़ाम, महिलाओं के लिए अस्थायी शौचालय, बरसात को देखते हुए बाढ़ पीड़ितों के लिए उपयुक्त रहने की जगह, पूरे पंचायत के लोगों के बर्बाद हुए फसलों का तत्काल और उचित मुआवजा, मेडिकल टीम गठित करके सबके इलाज की व्यवस्था, एक हेल्प लाइन नंबर अनुमंडल स्तर पर जारी हो. ताकि लोग अपनी समस्या को तत्काल उचित माध्यम तक पंहुचा सके. इतना ही नहीं आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कम से कम तीन माह तक इन 14 पंचायत के सभी परिवारों को तीन माह तक नकद राशि और अनाज अनिवार्य रूप से मुहैया कराने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि फूलौत बाजार एवं अन्य व्यापारिक कार्य में लगे परिवारों को भी क्षतिपूर्ति की राशि मिलना चाहिए.
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