धार्मिक न्यास परिषद पटना से मिल रहा आदेश, न्यास समिति सिंहेश्वर आदेशों को दिखा रही ठेंगा
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मवेशी हाट की नहीं हो रही बंदोबस्ती
धार्मिक न्यास परिषद पटना से मिल रहा आदेश, न्यास समिति सिंहेश्वर आदेशों को दिखा रही ठेंगा मधेपुरा : सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति को धार्मिक न्यास परिषद पटना से आदेश पर आदेश मिल रहा लेकिन आदेश को अमलीजामा पहनाने की बात तो दूर उसके अनुपालन पर कोई पहल नहीं की जा रही है. पिछले एक वर्ष […]
मधेपुरा : सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति को धार्मिक न्यास परिषद पटना से आदेश पर आदेश मिल रहा लेकिन आदेश को अमलीजामा पहनाने की बात तो दूर उसके अनुपालन पर कोई पहल नहीं की जा रही है. पिछले एक वर्ष के दौरान धार्मिक न्यास परिषद पटना के अध्यक्ष व प्रशासन द्वारा सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के सचिव को अलग अलग मामलों में आदेश मिल चुका है. वहीं परिषद ने पत्र जारी कर आदेश के अनुपालनार्थ प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा है.
लेकिन इस दिशा में अब तक कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया है. यह स्थिति तब है जब न्यास के कार्य में लापरवाही व अनियमितता बरतने के आरोप में मंदिर न्यास के पूर्व सचिव नप चुके हैं. धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक संजय कुमार ने कार्रवाई करते हुए पूर्व के सचिव को सचिव पद से हटाते हुए
डीडीसी मिथिलेश कुमार को नये सचिव के रूप में नियुक्त किये. फिलवक्त पूर्व के लापरवाही को फिर से दोहराया जा रहा है. अब सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के अधीन मवेशी हाट बंदोबस्ती के मामले में आये नये आदेश के अनुपालन में लेटलतीफ रवैया अपना रही है. न्यास समिति के लेटलतीफ रवैये के खिलाफ स्थानीय लोग अब मुखर होने लगे है. इस संबंध में लोगों ने जिला पदाधिकारी को आवेदन देकर अविलंब कार्रवाई करने की बात कही है. साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर न्यास समिति के लेटलतीफ रवैये के खिलाफ आंदोलन की बात लोगों ने कही है.
खुले डाक से नहीं हुई मवेशी हाट की बंदोबस्ती . बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद पटना के प्रशासन ने 15 जुलाई को आदेश जारी करते हुए कहा था कि मवेशी हाट मैदान की बंदोबस्ती आम सूचना निर्गत करते हुए खुली डाक से एक वित्तीय वर्ष के लिए नहीं करके समिति के द्वारा एक व्यक्ति विशेष के पक्ष में तीन वर्ष के लिए किया जाना भी नियमानुकूल नहीं है. यह बंदोबस्ती खुली डाक के जगह बंद कमरे में बगैर किसी आम सूचना के किये जाने पर केवल वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए मवेशी हाट मैदान की बंदोबस्ती का अनुमोदन किया जाता है.
वहीं आदेश कहा गया था कि न्यास समिति अगले वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्ताव पारित करके विधि सम्मत तरीके से बंदोबस्ती करेगी. लेकिन 31 मार्च को वित्तीय वर्ष की समाप्ति होने के बाद भी वित्तीय वर्ष 2017- 18 के लिए अब तक खुली डाक के माध्यम से मवेशी हाट की बंदोबस्ती नहीं की गयी है.
क्या मामला है मवेशी हाट की बंदोबस्ती का
विगत वर्ष सिंहेश्वर मवेशी हाट की बंदोबस्ती बंद कमरे में होने पर स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था. वह भी एक व्यक्ति के नाम से ही तीन वर्ष तक मवेशी हाट की बंदोबस्ती कर दी गयी थी. स्थानीय लोगों के विरोध की आंच धार्मिक न्यास परिषद पटना तक पहुंच गयी थी. मामले की गंभीरता हुए धार्मिक न्यास परिषद ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बंदोबस्ती को गलत करार देते हुए खुली डाक के द्वारा बंदोबस्ती करने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद न तो अब तक बंदोबस्ती ही हो पायी है और न ही मेवशी हाट में वैध रूप से हाट लगाया जा रहा है. परिषद के निर्देशानुसार 31 मार्च को ही पूर्व के ठीकेदार का समय समाप्त हो चुका है. लेकिन इसके बाद आज तक बुधवार को सिंहेश्वर मवेशी हाट में लगने वाली हाट की वसूली भी वैधानिक तरीके से नहीं हो रही है.
लोग तरह तरह के कयास लगा रहे है कि आखिर हाट वसूली की राशि किसके जेब में जा रही है. जबकि पूर्व के ठीकेदार द्वारा न्यायालय में दर्ज रीट याचिका को खारीज किया जा चुका है. इस संबंध में न्यास समिति भी कोई स्पष्ट बात नहीं कह रही है. जबकि खुली डाक द्वारा बंदोबस्ती की बात तो दूर इस संबंध में न्यास समिति की कोई बैठक अब तक नहीं हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिना बैठक किये ही धार्मिक न्यास परिषद को पत्र प्रेषित किया गया है कि मवेशी हाट बंदोबस्ती पर सदस्यों की आम सहमति नहीं बन रही है. इस पत्र से एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है.
फिर मिला बंदोबस्ती करने का निर्देश
बंद कमरे में हुए मवेशी हाट बंदोबस्ती को गलत करार देते हुए धार्मिक न्यास परिषद ने उप विकास आयुक्त मधेपुरा सह सचिव सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति को पुन: निर्देश दिया है. इस संबंध में परिषद के अधीक्षक ने सचिव को पत्र जारी कर कहा है कि केवल वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए मवेशी हाट मैदान की बंदोबस्ती का अनुमोदन परिषद से किया गया था. साथ ही अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्ताव पारित करके विधिसम्मत तरीके से बंदोबस्ती करने का निर्देश दिया गया है. वहीं अधीक्षक ने कहा है कि इस संदर्भ में पूर्व के ठीकेदार मनोज कुमार उर्फ मनोरंजन दास द्वारा उच्च न्यायालय पटना में एक रीट याचिका दायर की गयी थी जिसे माननीय उच्च न्यायालय से खारिज कर दिया गया है.
सही का नहीं, गलत का बन रहे पैरोकार
इन दिनों सिंहेश्वर में मवेशी हाट बंदोबस्ती को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोगों का कहना है कि गलत तरीके से हुए बंदोबस्ती को वैध कराने में कुछ सदस्य परैवीकार भी बन रहे है. जबकि वैसे सदस्य सही निर्णय का तो नहीं गलत निर्णय का हमेशा सर्मथन किया है. लोगों का मानना है कि गलत मानसिकता के कारण ही सिंहेश्वर मंदिर को हरेक वर्ष लाखों का चूना लगाया जा रहा है. इससे पूर्व भी खायी व पोखर के बंदोबस्ती में लाखों रूपये के हेरफेर करने का आरोप न्यास के कर्मियों पर लग चुका है. लेकिन इन आरोपों की जांच की बजाय उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.
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