सेमिनार. पत्रकारिता व साहित्य के समन्वित माध्यम पर सेमिनार
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सोशल मीडिया जनक्रांति का माध्यम
सेमिनार. पत्रकारिता व साहित्य के समन्वित माध्यम पर सेमिनार मधेपुरा : मानवीय न्याय के लिए सोशल मीडिया आवाज उठाता है और इनके पक्ष में जनमत तैयार करता है. पत्रकारिता व साहित्य का समन्वित माध्यम है सोशल मीडिया. सोशल मीडिया अभिव्यक्ति के धरातल पर नकारात्मक व सकारात्मक विचार को स्वर देने का सक्षम माध्यम है. उक्त […]
मधेपुरा : मानवीय न्याय के लिए सोशल मीडिया आवाज उठाता है और इनके पक्ष में जनमत तैयार करता है. पत्रकारिता व साहित्य का समन्वित माध्यम है सोशल मीडिया. सोशल मीडिया अभिव्यक्ति के धरातल पर नकारात्मक व सकारात्मक विचार को स्वर देने का सक्षम माध्यम है. उक्त बातें जिला मुख्यालय स्थिति झल्लू बाबू सभागार में राष्ट्रीय सेमिनार में बिहार राष्ट्र भाषा परिषद के निदेशक सह बीएनएमयू के सीनेट सदस्य डाॅ जयकृष्ण मेहता ने कहीं. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जनक्रांति का सशक्त माध्यम है. जिस गति से समाज बदल रहा है उसमें सोशल मीडिया की भूमिका अहम है.
समाज का हर वर्ग इस पर केंद्रित है. यह समाज का दिशा सूचक है. इससे समाज और देश सशक्त व मजबूत बन सकता है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलू से समाज के युवा वर्ग नयी नयी जानकारियों को हासिल करते हैं. लेकिन इसके कुछ नकारात्मक पहलू भी है जो कभी कभी समाज में आपसी द्वेषता को बढावा भी देती है जरूरत है
ऐसे नकारात्मक पहलू को दरकिनार करने की. डाॅ मेहता ने कहा कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वालों को पूरी निष्ठा, तन्मयता और लगन से काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इसके उभय पक्ष को रख कर काम करना चाहिए. ऐसे सेमिनार से समाज में एक नयी दिशा का संचार होगा जो युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा. साथ ही यह कार्यक्रम ऐतिहासिक बनेगा. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया जनमत तैयार करने का भी सक्षम माध्यम बन गया है.
अब वह दिन दूर नहीं जब सुदूर देहात में भी इसकी खनक से लोगों में जनचेतना का संचार होगा. इससे पहले राष्ट्रीय सेमिनार का विधिवत उद्घाटन राष्ट्र भाषा परिषद के निदेशक डाॅ जयकृष्ण मेहता, मुख्य वक्ता सह वरीय पत्रकार पुष्यमित्र, प्राचार्य डाॅ सत्यजीत यादव, विभागाध्यक्ष डाॅ इंद्र नारायण यादव व वरीय पत्रकार रूपेश कुमार सहित अन्य ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर क्लब के सचिव सह पत्रकार संजय परमार व अर्थ सचिव सह पत्रकार रवि कुमार संत ने अतिथियों का स्वागत किया. इस अवसर पर जनसंचार प्रभा पत्रिका का भी अतिथियों ने विमोचन किया. समारोह की अध्यक्षता डाॅ इंद्र नारायण यादव ने की. संचालन मिथिलेश वत्स ने किया. क्लब के साहित्य सचिव डा सिद्धेश्वर काश्यप ने विषय प्रवेश कराया.
इस अवसर पर डा ललन कुमार अद्री, डा नीलाकांत, दीपक सिंह, वार्ड पार्षद ध्यानी यादव, रजीउररहमान, प्रभात कुमार मिस्टर, निशांत यादव, गरिमा उर्विशा, विकास कुमार, मानस चंद्र सेतु, ओम प्रकाश, राज कुमार, सुभाष चंद्र, कुमार शंभू शरण सिंह, निशांत कुमार, अभिषेक कुमार अनंत, शिवजी शिरण सिंह, इं हिमांशु विक्की, सारंग तनय, कृष्ण मुरारी, अशोक कुमार सहित दर्जनों की संख्या में साहित्यकार व पत्रकार मौजूद थे. अंत में धन्यवाद ज्ञापन क्लब के सचिव संजय परमार ने की.
सोशल मीडिया का वर्तमान परिदृश्य उज्ज्वल
साहित्यकार पत्रकार क्लब की ओर से आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के मुख्य वक्ता सह वरीय पत्रकार पुष्यमित्र ने मधेपुरा में सोशल मीडिया पर आयोजित ऐसे सेमिनार की सराहना करते कहा कि मानवाधिकार और मानवीय न्याय के लिए सोशल मीडिया की भूमिका अहम हो गयी है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का वर्तमान परिदृश्य उज्जवल है. विशिष्ठ वक्ता चंद्रशेखरम ने दुनियां में संवाद की पौराणिक पद्धति की चर्चा करते हुए आज की नयी तकनीक तक की बात कही.
राष्ट्रीय सेमिनार में डा आलोक कुमार, रंधीर कुमार, चंदन कुमार, संदीप शांडिल्य, तुरबशु, गौरव कुमार, राहुल यादव, अमन कुमार सिंह ने सोशल मीडिया के वर्तमान परिवेश पर अपने अपने विचार रखें. विशिष्ट अतिथि सह एसपीएम लॉ कॉलेज के प्राचार्य प्रो सत्यजीत यादव ने कहा कि सोशल मीडिया अभिव्यक्ति का एक व्यापक पैमाना बन चुका है. सेमिनार में स्वागत भाषण देते हुए वरीय पत्रकार रूपेश कुमार ने कहा कि साहित्यकार व पत्रकार का संबंध वर्षों से अटूट रहा है. सेमिनार में राकेश सिंह ने कहा लोग सोशल मीडिया के निगेटिव पक्ष को ज्यादा ग्रहण कर रहे हैं.
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