10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

लोक शिकायत अधिनियम ने दी ताकत

कानून से राहत . आठ वर्ष बाद छात्रावास को मिली बिजली, दो वर्ष बाद मिला मुआवजा जन शिकायत पर कार्रवाई अब लोगों का अधिकार बन गया है. यह कानून लोगों के लिए ताकत बन गयी है. जिले में इस कानून के लागू होने से कई ऐसे लंबित मामलों का निबटारा हुआ, जिससे पीड़तों का राहत […]

कानून से राहत . आठ वर्ष बाद छात्रावास को मिली बिजली, दो वर्ष बाद मिला मुआवजा

जन शिकायत पर कार्रवाई अब लोगों का अधिकार बन गया है. यह कानून लोगों के लिए ताकत बन गयी है. जिले में इस कानून के लागू होने से कई ऐसे लंबित मामलों का निबटारा हुआ, जिससे पीड़तों का राहत मिली. लोगों ने इसे लागू करने के लिए सीएम को धन्यवाद किया है.
मधेपुरा : लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम ने लोगों को ताकत दी. जनशिकायत पर कार्रवाई के अधिकार के बाद तसवीर बदलनी शुरू हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा राज्य में छह जून से लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम लागू है. जन शिकायत पर कार्रवाई अब लोगों का अधिकार बन गया है. जिन शिकायतों का समाधान नहीं होगा,
उससे संबंधित लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी को लिखित देना होगा. यदि संबंधित व्यक्ति उस फैसले से संतुष्ट नहीं होगा तो वह अपील में जायेगा. इस अधिनियम के लागू होने के साथ ही किसी की शिकायत को कोई टाल नहीं सकता है. अब तक डीएम से लेकर ऊपर तक सुनवाई होती थी. उसकी शिकायत पर कार्रवाई की गारंटी नहीं थी. अब शिकायत पर कार्रवाई की गारंटी होगी. अब उन्हें शिकायतों पर लिखित देना होगा कि किस वजह से शिकायत को अस्वीकार किया किया जा रहा है. यही वजह है जिले के दर्जनों पीड़ित परिवार अपने शिकायत के निवारण से भावविहवल है.
केस स्टडी – 1
आठ वर्ष बाद बिजली का लगा कनेक्शन. कुमारखंड प्रखंड के टैंगराहा भौकराहा गांव में वर्ष 2008 के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति छात्रावास के लिए विद्युत कनेक्शन हेतु नौ लाख रूपया जमा किया गया. कल्याण विभाग द्वारा एक करोड़ 15 लाख रूपया में यह छात्रावास बनाया गया था. लेकिन आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी बिजली का कनेक्शन नहीं लगा. गांव के परिवादी रमेश झा ने मामले को जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में परिवाद दायर कर उठाया. लोक शिकायत निवारण कार्यालय द्वारा विद्युत विभाग से जबाव तलब किया गया. विद्युत विभाग ने फौरी कार्रवाई करते हुए आठ वर्ष बाद बिजली कनेक्शन लगाया गया. रौशनी से नहाये अनुसूचित जाति जनजाति छात्रावास को देखने के बाद रमेश झा ने कहा लोक शिकायत निवारण अधिनियम न होता तो न जाने इस छात्रावास तक बिजली पहुंचने में और कितने वर्ष जाया हो जाते. सरकार के इस फैसले ने लोगों को अपनी शिकायत के निवारण कराने की ताकत दी है.
केस स्टडी – 2
दो वर्ष बाद मिली मुआवजा की राशि. आलमनगर बसनवारा के कलर सहनी अपने 15 वर्षीय पुत्री कविता कुमारी जिसकी मौत वज्रपात की वजह से 29 जून 2014 को हुई थी. लेकिन आपदा विभाग द्वारा सहाय्य राशि नहीं प्रदान करने की शिकायत के निवारण के लिए परिवाद दायर किया था. अपर समाहर्ता आपदा प्रबंधन को लोक प्राधिकार बनाते हुए मामले की सुनवाई की गयी. सुनवाई के दौरान ही परिवादी ने बताया कि अंचल अधिकारी आलमनगर द्वारा तीन सितंबर 2016 को उन्हें डेढ लाख की मुआवजा राशि उपलब्ध करा दी गयी. परिवादी ने कहा लगातार आवेदन देने पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
लेकिन परिवाद दायर करते ही उन्हें मुआवजा मिला. यह कानून जनता के लिए एक बड़ी ताकत है. बिहार सरकार के इस कानून की वजह से कार्य नहीं करने वाले अधिकारी बेचैन हो रहे हैं.
केस स्टडी – 3
पीएचइडी ने दी शौचालय निर्माण की राशि. खुशरू पट्टी गंगापुर मुरलीगंज के गिरधर झा ने शौचालय निर्माण की राशि नहीं मिलने की शिकायत लेकर परिवाद दायर किया. परिवाद की सुनवाई के दौरान ही नोटिश मिलने के बाद लोक स्वास्थ्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने गिरधर झा के खाते में एडवाइस के माध्यम से 20 हजार की राशि हस्तांतरित करवाई और गिरधर झा को शौचालय बनाकर सम्मान से जीने का अधिकार मिला. गिरधर झा कहते है कि शौचालय के लिए वे लगातार चक्कर लगाकर परेशान हो गये थे. लेकिन उन्हें टरकाया जा रहा था. आखिरकार इस लोक शिकायत अधिकार अधिनियम का असर हुआ और उन्हें शौचालय बनाने के लिए राशि प्रदान की गयी.
केस स्टडी – 4
27 हजार का विद्युत विपत्र सुधार कर बना 45 सौ. परमानंदपुर रहटा मुरलीगंज निवासी लक्ष्मी यादव की शिकायत थी कि गलत विपत्र विद्युत विभाग द्वारा भेजा गया. उन्होंने 27 हजार तीन सौ छह रूपये का विपत्र लेकर परिवाद दायर किया. सुनवाई के दौरान विद्युत विभाग ने विपत्र में सुधार किया और 45 सौ एक रूपये का नया विपत्र लक्ष्मी यादव को उपलब्ध कराया. लक्ष्मी का परिवार खुशी से नाच उठा. वे कह रहे थे कि गांव में कहते है बिजली विभाग चाहे जो बिल भेज दे उसका सुधार नहीं होता. बिजली विभाग के अधिकारी किसी की नहीं सुनते है. लेकिन बिहार सरकार द्वारा प्रदान किये गये लोक शिकायत अधिकार अधिनियम की ताकत इतनी ज्यादा रही की न केवल सुनवाई हुई बल्कि जो गलत बिल था उसे सुधार कर भेजा गया.
केस स्टडी – 5
मिली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति. गम्हरिया के बभनी निवासी राहुल कुमार ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति नहीं मिलने पर 16 सितंबर 2016 को परिवाद दायर किया. जिला कल्याण पदाधिकारी को नोटिश किया गया. 18 अक्टुबर को कल्याण पदाधिकारी को सूचना दी की परिवादी को चेक के द्वारा छात्रवृति की राशि उपलब्ध करा दी गयी है. इस तरह इस परिवाद का निवारण हुआ.
केस स्टडी – 6
एक वर्ष बाद मिली शंकर की लाइसेंस फाइल. ग्वालपाड़ा के शंकर मेहता ने शिकायत की जिला कृषि कार्यालय द्वारा खुदरा खाद विक्रेता लाइसेंस हेतु आठ जुलाई 2015 को चलान द्वारा राशि जमा करने के बावजूद अनुज्ञप्ति निर्गत नहीं किया गया है. इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी को लोक शिकायत निवारण कार्यालय द्वारा नोटिश की गयी. परिवाद 26 जुलाई 2016 को दायर किया गया. सुनवाई के दौरान जिला कृषि कार्यालय ने माना कि लिपिकों के हस्तांतरण एवं प्रभार के आदान प्रदान में संचिका निष्पादित नहीं हुई. जिला कृषि कार्यालय द्वारा त्वरित कार्रवाई कर शंकर मेहता को अनुज्ञप्ति जारी कर दी गयी.
केस स्टडी – 7
बीमा कंपनी ने किया पांच लाख 40 हजार का भुगतान. सहरसा जिला के राहुल कुमार ने परिवाद दायर किया कि एडीजे प्रथम सहरसा के न्यायालय द्वारा नेशनल इंश्योरेंस की मधेपुरा को वर्ष 2014 में आदेश दिया गया था कि उनके पिता सिकंदर यादव के दुर्घटना में मृत्यु की मुआवजा राशि का भुगतान किया जाय. लेकिन बीमा कंपनी ने ऐसा नहीं किया. इस मामले में जब तीन नवंबर 2016 को जिला लोक शिकायत निवारण कर्यालय मधेपुरा में परिवाद दायर किया गया
तो नोडल पदाधिकारी बैंकिंग को नोटिश जारी किया गया. सुनवाई की तिथि निर्धारित होने पर जानकारी दी गयी कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी द्वारा मुआवजा की राशि पांच लाख 40 हजार पांच सौ68 रूपया चेक द्वारा भुगतान कर दिया गया है. इस प्रकार नोटिश के वाद का निवारण हुआ. राहुल कहते है कि 2004 से ही वे कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा रहे थे. आखिरकार 2014 में न्यायालय के फैसले के बाद भी मुआवजा राशि नहीं मिल रही थी. लेकिन लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के इस कानून के बाद उनके मामले की सुनवाई से पहले ही महज नोटिश मिलने पर ही बीमा कंपनी ने राशि भुगतान कर दिया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें