पीएचसी . पदाधिकारी की हरकत से कर्मी परेशान
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प्रभारी ने किया कर्मी पर रॉड से हमला
पीएचसी . पदाधिकारी की हरकत से कर्मी परेशान सिविल सर्जन के आदेश के बावजूद नहीं किया गया कर्मियों का वेतन भुगतान पांच माह से वेतन नहीं मिलने से कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न शंकरपुर : जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा सचिदानंद घन द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के […]
सिविल सर्जन के आदेश के बावजूद नहीं किया गया कर्मियों का वेतन भुगतान
पांच माह से वेतन नहीं मिलने से कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न
शंकरपुर : जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरपुर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा सचिदानंद घन द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के राष्ट्रीय बाल सुरक्षा कार्यक्रम के चिकित्सा पदाधिकारी के साथ शनिवार को बायोमेट्रिक से अपना हजारी बनाने के क्रम में अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए लोहे के रॉड से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा हमला किये जाने का मामला प्रकाश में आया है.
इस बाबत आरबीएस के चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सतीश कुमार ने असैनिक शल्य चिकित्सक सह सचिव जिला स्वास्थ्य समिति, मधेपुरा को एक लिखित आवेदन देकर कहा है कि शनिवार की सुबह अन्य दिनों की तरह जब में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शंकरपुर के ऑफिस में पहुंच कर बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने लगा तो डा घन अकारण मेरे साथ अभद्र व्यवहार करने लगे एवं मुझे उपस्थिति दर्ज करने से रोक दिया.
कारण पूछने पर भड़क गये एवं अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने लगे. वहीं प्रभारी से आरबीएस के कर्मी एवं मेरा मानदेय भुगतान विगत पांच माह( मई 2016) से क्यों नहीं हुआ तो वे कहे कि ये मेरा और सिविल सर्जन का मामला है तुम कुछ भी जानने का हक़ नहीं है. ज्यादा बोलोगे तो इस लोहे के रॉड से तुम्हे मारूंगा और तुम कुछ नहीं कर पाओगे.
कहीं भी शिकायत करों कोई फर्क नहीं पड़ता. और मेरे उपर लोहे के रॉड से हमला बोल दिया. हो हल्ला होने अन्य कर्मी भी मौके पर पहुंच कर बीच बचाव करने लगा. इतने में वहां से जान बचा कर भाग निकाला.
गौरतबल है कि पूर्व में भी डा घन द्वारा के द्वारा डा सतीश कुमार के साथ अभद्र व्यवहार 18 अगस्त 2015 को किया गया था. जिसकी लिखित शिकायत जिला स्वास्थ्य समिति को दिया गया था. इतना ही नहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत चिकित्सा पदाधिकारी डा नवीन कुमार भारती एवं लेखापाल मनोज कुमार पर इस तरह के हमले कर चुके हैं.
वरीय पदाधिकारी के आदेश का पालन नहीं करते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
चार अक्टूबर को बकाया मानदेय भुगतान करने के लिए सिविल सर्जन मधेपुरा को एक लिखित आवेदन देकर मानदेय भुगतान करवाने की गुहार लगाया था. आवेदन के आलोक में सिविल सर्जन के पत्रांक 542 जारी कर सभी का बेतन भुगतान करने का निर्देश जारी किया गया था. लेकिन शंकरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आरबीएस के कर्मी को छोर कर अन्य सभी का बेतन का भुगतान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी शंकरपुर के द्वारा कर दिया गया.
जिसपर आरबीएस के कर्मी के द्वारा पुनः सूचना देने पर सिविल सर्जन के पत्रांक 1262 दिनांक सात अक्टुबर को पत्र जारी कर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को पद से हटाने का निदेश जारी किया गया था. परंतु पुनः सिविल सर्जन के पत्रांक 1272 दिनांक 13 अक्टूबर को एक पत्र जारी कर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा सच्चिदानंद घन को पद पर बने रहने का आदेश जारी कर दिया गया है. जिसके कारण प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ सच्चिदानंद घन का मनोबल और बढ़ गया है.
कर्मी के साथ गलत हरकत करते रहते हैं.
कहते हैं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
डाॅ सच्चिदानंद घन ने अपने ऊपर लगे सारे आरोपों का निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि उनका गलत तरीके से वीडियो बना लिया गया हैं. उन्हें साजिश के तहत फंसाया जा रहा है. सभी आरोप गलत है.
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