शंकरपुर : सरकार और शिक्षा विभाग विद्यालय संचालन से लेकर छात्र उपस्थिति और मध्यह्न भोजन योजना में भले ही किसी प्रकार की अनियमितता से इनकार करता है. लेकिन प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत स्थित नव प्राथमिक विद्यालय राम टोला कल्लहुआ का स्थिति देखने से ऐसा लगता है कि विद्यालय विभाग के नियम कानून से नहीं चलता है बल्कि विद्यालय के शिक्षक के अनुसार चलता है. ऐसा ही नजारा ग्रामीणों के सूचना पर मध्य विद्यालय कल्लहुआ पश्चिम में दूसरी पारी 12 बजे से संचालित नव प्राथमिक विद्यालय राम टोला कल्लहुआ का जब सोमवार को दिन के 12:10 बजे से 1:30 बजे तक प्रभात खबरकी टीम के मुआयना किया तो देखा गया कि विद्यालय में पूर्ण रूप से ताला लटक रहा है. कुछ बकरी रसोई घर के बरामदे पर विचरण कर रहे थे.
लगभग 12:30 बजे दो महिलाए आई तो उनसे जब पूछे की आपकौन है तो उन्हों ने बताई कि में नवसिर्जित विद्यालय की रसोइया हूं और वह विद्यालय खुलने का इंतजार करने लगा. एक बजे विद्यालय के सहायक शिक्षक विद्यालय पहुंचते है. वह भी विद्यालय में गाड़ी लगाकर गाड़ी के पास ही रूक गया. इतने में उक्त सहायक शिक्षक से विद्यालय खुलने का समय के बारे में पूछा गया तो सहायक शिक्षक ने बताया की 12 बजे से विद्यालय संचालन निर्धारित है. लेकिन विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक सरिता सिंह के विद्यालय नहीं पहुंचने के कारण विद्यालय बंद है. चूंकि विद्यालय की चाभी प्रधानाध्यापक के पास ही है.
ज्ञात हो कि उक्त विद्यालय में 150 से ज्यादा वर्ग एक से पांच तक में छात्र छात्रा नामांकित है. जिसकी प्रारंभिक शिक्षा विद्यालय प्रबंधन के मनमानी के कारण अंधकार में डूबती जा रही है. स्थानीय ग्रामीण संतोष कुमार, मुकेश राम सहित अन्य ने बताया की अधिकांश दिनों विद्यालय बंद ही रहता है. कभी कंधार ही शिक्षक कुछ देर के लिए नजर आते है. लेकिन विद्यालय समय से संचालन नहीं होने के कारण बच्चा कभी दो चार आ जाते है. लेकिन मध्यान योजना में प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा अनाप सनाप उपस्थिति दर्ज कर मध्यान भोजन योजना की राशि का लूट खसौट किया जा रहा है.
मैं बीआरसी में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के साथ मीटिंग में हूं. जिसके कारण विद्यालय बंद था. चाबी भेज रहा हूं.
सरिता सिंह, प्रभारी प्रधानाध्यापक
किस परिस्थिति में विद्यालय बंद कर हेडमास्टर बैठक में आयी थीं, इसकी सूचना नहीं है. मामले की विस्तृत जांच कर कठोर कार्रवाई की जायेगी. हर हालत में विद्यालय को सुचारू रूप से चलाना है और मध्याह्न भोजन में किसी किस्म की कोताही नहीं बरतनी है. बैठक में आने के दिन हेडमास्टर को विद्यालय का प्रभार किसी वरीय शिक्षक को सौंप कर आना था, ताकि पठन पाठन पर प्रतिकूल असर नहीं पड़े.
डाॅ यदुवंश यादव, बीइओ, शंकरपुर मधेपुरा.