मधेपुरा/घैलाढ़ : लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में और जब उनका घर किसी प्राकृतिक आपदा का शिकार हो जाय तो फिर उन परिवारों की हालत का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है. लेकिन निजाम ऐसा कि अंचलाधिकारी घैलाढ अपनी रिपोर्ट में पूरी तरह गृह क्षति की बात ही खारिज कर जाते हैं. यह भी उस क्षेत्र में जहां आपदा प्रबंधन मंत्री का गृह क्षेत्र है.
घैलाढ प्रखंड के भतरंधा – परमानंदपुर पंचायत के शर्मा टोला वार्ड नंबर 13 में बीते 24 सितंबर की रात हुई भीषण बारिश की वजह से लगभग एक दर्जन घर क्षति ग्रस्त हो गये. मामले का खुलासा तब हुए जब आपदा प्रबंधन मंत्री प्रो चंद्रशेखर बुधवार की रात घैलाढ पहुंचे. लोगों ने अपनी समस्या से जब मंत्री को अवगत कराया तो वे बगैर समय गवांए शर्मा टोला पहुंच गये. जहां टूटे घर अपनी गवाही खुद दे रहे थे. विफरे मंत्री ने मौके से ही जिले के आलाधिकारियों से बात कर कार्रवाई के लिए कहा.
डीएम ने गठित की एडीएम आपदा के अध्यक्षता में जांच समिति . घैलाढ के शर्मा टोला में गृह क्षति के बावजूद सीओ द्वारा अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र न होता है. डीएम मो सोहैल ने गुरुवार को तीन सदस्यीय कमेटी एडीएम मुर्शिद आलम की अध्यक्षता में गठित कर निर्देश दिया है कि आज ही जांच समिति प्रभावित घरों का निरीक्षण कर प्रतिवेदित करेगी कि उक्त सभी घर बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हुए है तो इसके भुगतान की कार्रवाई अंचलाधिकारी घैलाढ द्वारा क्यों नहीं की गयी है. जांच समिति के सदस्य आपदा प्रबंधन के नोडल पदाधिकारी मुकेश कुमार तथा भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार सिंह बनाये गये हैं. समिति ने दोपहर में ही जा कर जांच की. इस बाबत एडीएम सह एडीएम आपदा मुर्शिद आलम ने बताया कि गृह क्षति पायी गयी है.