उदासीनता. पछिया हवा के साथ बढ़ी ठंड, बच्चों व बुजुर्गों को हो रही परेशानी
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शहर में अबतक नहीं हुई अलाव की व्यवस्था
उदासीनता. पछिया हवा के साथ बढ़ी ठंड, बच्चों व बुजुर्गों को हो रही परेशानी मधेपुरा : मौसम ने एक बार फिर करवट ली और ठंड का कहर बढ़ गया है. सोमवार की शाम से शुरू हुई ठंड मंगलवार की सुबह पूरे रौ में दिखी. और जनमानस प्रकृति के इस कोप का भाजन होता रहा. आलम […]
मधेपुरा : मौसम ने एक बार फिर करवट ली और ठंड का कहर बढ़ गया है. सोमवार की शाम से शुरू हुई ठंड मंगलवार की सुबह पूरे रौ में दिखी. और जनमानस प्रकृति के इस कोप का भाजन होता रहा. आलम यह था कि अत्यधिक ठंड से लोक कंपकपाते रहे और कोहरा की अधिकता से सड़क व वाहनों की रफ्तार को ब्रेक लग गया. दिन चढ़े तक वाहन लाइट जला कर रेंगते रहे. मौसम के मिजाज में आये अचानक बदलाव से एक बार फिर लोग दुबक गये. कहीं भी न तो अलाव जले न ही कंबल का वितरण हुआ. पिछले चार दिनों से ठंड व कोहरे में आयी कमी के शरीर से उतरे भारी गर्म कपड़े लोगों ने फिर से धारण कर लिए.
सुबह स्कूली बच्चों को फिर से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सभी ठिठुरते हुए स्कूल वाहन की प्रतीक्षा करते दिखे. प्रशासनिक संवेदनहीनता की चर्चा भी सभी जगह होती रही. ठंड में इजाफा के कारण पशु-पक्षियों को भी दिक्कत हुई. गेहूं की फसल के लिए इस बढ़ी ठंड ने कुछ राहत दी तो आलू, सरसों व अरहर के लिए कुछ निराशाजनक रहा. मौसम का मिजाज बदलने का सिलसिला लगातार जारी है. इस दौरान सर्द हवाएं व कोहरा लोगों की परेशानी बढ़ाता रहा. मौसम विभाग की मानें तो आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन अभी तक प्रशासन की निंद नहीं खुली है. शहर के विभिन्न जगहों पर अलाव के खोज में लोग भटक रहे है.
रात से बदला मौसम. पिछले कई दिनों से तेज धूप लोगों को राहत दे रही थी. मंगलवार को मौसम का मिजाज एक बार फिर पूरी तरह से बदल गया. शाम होते- होते सर्द हवाएं चलने लगी, जो रात में काफी सर्द हो गयी. सुबह होने के साथ ही घना कोहरा लोगों की परेशानी बढ़ाता रहा. वहीं, सुबह से ही हल्की धूप निकलने के बाद फिर बदली छाय गयी. देर शाम तक बादल छाये हे. शाम होते -होते थोड़ी देर सूरज के दर्शन हुए, लेकिन फिर बदली छा गयी. देर शाम तेज हवाओं की वजह से गलन बढ़ गयी और लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो गये.
पछुआ हवा ने बढ़ायी कनकनी, कोहरे से परेशानी. पछुआ हवा के झोकों से कनकनी बढ़ गयी है. वहीं, पिछले दिनों से ठंड के साथ कोहरे की कहर भी बढ़ गयी है. ठंड बढ़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ गयी है और लोग घरों में दुबके रह रहे हैं. कोहरे की कहर से रेल व सड़क यातायात पर असर पड़ रहा है. मंगलवार को पूरे दिन लोग धूप के लिए तरसते रहे.
काफी देर बाद एक-दो घंटे के लिए सूर्य भगवान के दर्शन हुए, फिर से ठंड बढ़ने के कारण आम जन-जीवन प्रभावित रहा. बाजारों में भी दो दिनों से शाम ढलते ही सन्नाटा पसर जा रहा है. किसी जरूरी काम से कोई घर से निकला भी, तो पूरी तरह गरम कपड़ों में ढंक कर. वहीं, कोहरे के कारण सड़कों पर भी वीरानगी छायी रही और वाहनों की संख्या कम दिखी तथा कुछ वाहन सड़क पर रेंगते दिखे.
ठंड बना बच्चों का दुश्मन. हांड़ कंपा देने वाली ठंड में बच्चों के बीमार होने की आशंका से अधिकांश अभिभावक सशंकित होने लगे हैं. ठंड के कारण सड़क पर पैदल जाने वाले स्कूली बच्चे खास कर ज्यादा प्रभावित हो रहे है. डॉक्टरों का मानना है कि कड़ाके की ठंड बच्चों की दुश्मन होती है. ठंड में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. कर्म कपड़े से पूरे शरीर को ढक कर बाहर निकलना चाहिए. खास कर छोटे बच्चे कोल्ड डायरिया अर्थात वायरल डायरिया से आसानी से प्रभावित होता है. इसके लिए अभिभावकों सावधानी बरतने की जरूरत है.
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