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जिले में नहीं होती है प्राथमिकी दर्ज, पटना साइबर थाने का लगाना पड़ता है चक्कर

डिजिटल ठगी. लोगों से डेबिट कार्ड का नंबर पूछकर ऑनलाइन की जा रही खरीदारी पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने पर भी नहीं निकल रहा नतीजा, ठग आराम से लगा रहे लोगों को चूना मधेपुरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया में आम आदमी मोबाइल के जरिये या एटीएम से लेनदेन की बाध्यता के […]

डिजिटल ठगी. लोगों से डेबिट कार्ड का नंबर पूछकर ऑनलाइन की जा रही खरीदारी

पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने पर भी नहीं निकल रहा नतीजा, ठग आराम से लगा रहे लोगों को चूना
मधेपुरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया में आम आदमी मोबाइल के जरिये या एटीएम से लेनदेन की बाध्यता के कारण प्रतिदिन ठगी का शिकार होकर अपनी मेहनत की कमाई हुई लाखों रुपये खुद ही चोरों के खाते में डाल रहे हैं, तो कहीं चोर किसी और के खाते से ऑनलाइन भुगतान कर रहे हैं. विडंबना है कि इस तरह की चोरी व ठगी की शिकायत पर कोई कार्रवाई ही नहीं होती.
चोर सीनाजोरी कर फिर से नये शिकार में लग जाते हैं. अधिवक्ता रघुवंश प्रसाद सिंह कहते है डिजिटल ठगी के शिकार होने के बाद आदमी की हालत सांप छुछुंदर सरीखी हो रही है. एक तो कम जानकारी के कारण लोग ठगे जाते हैं. ऊपर से पुलिस कहती है साइबर क्राइम का मामला है. पटना में केस दर्ज होगा.
सेवानिवृत्त प्रधान सहायक शिवशंकर प्रसाद से ठगी कर एटीएम से 75 हजार एक सौ 40 रुपया निकाल लिया गया. त्वरित कार्रवाई कर एटीएम तो बंद करा लिया गया, लेकिन साइबर थाना में ऑनलाइन केस दर्ज करने के बावजूद एफआइआर का नंबर उन्हें नहीं मिल सका. खास बात यह है कि इस पूरी राशि की निकासी बाजार में खरीदारी कर स्वेप के माध्यम से की गयी है. इसके अलावा कई लोग भी इसके शिकार हुए है.
बिहारीगंज के फतेहपुर गांव निवासी 40 वर्षीय पूनम देवी से 15 दिसंबर को बिहारीगंज प्रखंड मुख्यालय बाजार स्थित बस स्टैंड के पास एसबीआइ के एटीएम से पैसा निकालते वक्त किसी व्यक्ति ने चालाकी से उनसे एटीएम कार्ड बदल लिया और पासवर्ड भी ले लिया. इसके बाद उनके खाते से ढाई लाख रुपये निकाल लिये.
जनवरी 2017 को अधिवक्ता रघुवंश प्रसाद सिंह के घर से एटीएम व नकद राशि की चोरी हुई. उसके अगले दिन उनके एटीएम से स्वेप कर आठ हजार रुपये भी निकाल लिये. पीड़ित पासबुक की छायाप्रति लेकर थाना पहुंचे. वहां बताया गया कि साइबर क्राइम थाना में मामला दर्ज होगा, यह पटना में है.
वहीं सुधांशु वर्मा को 9006025487 नंबर से एक कॉल आया. कॉल करने वाली लड़की ने अपना नाम पूजा अग्रवाल बताया. उसे खुद को मुंबई एसबीआइ डेबिट कार्ड विभाग से बताया. लड़की ने कहा कि आपके डेबिट कार्ड की वैधता समाप्त हो रही है. नया कार्ड जारी करने के लिए डेबिट कार्ड पर अंकित 16 डिजिट का नंबर बताने कहा. इसके बाद एकाउंट से संबंद्ध मोबाइल नंबर पर वैकल्पिक कोड आया. इसे बताते ही सुधांशु के खाते से पंजाब बिजली बोर्ड को भुगतान किये जाने की सूचना एसएमएस के जरिये उनके मोबाइल पर आयी. वह जब तक बैंक से संपर्क कर अपना खाता बंद कर पाते तब तक उनके खाते से 50 हजार की राशि का भुगतान पंजाब बिजली बोर्ड को किया जा चुका था. इस बारे में उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन इस मामले में पुलिस ने हाथ खड़े कर दिये. ट्रैकिंग साॅफ्टवेयर के अनुसार यह नंबर बिहार-झारखंड का ही है. सुधांशु अब भी उस नंबर पर कॉल करते हैं और उधर से मजाक उड़ाया जाता है.
पुलिस कर देती है हाथ खड़ी
जब सब कुछ डिजिटल हो गया है तो इसके लिए गांवों और कसबों में क्या तैयारी की गयी है़ इस तरह की ठगी करने वाले आराम से घूम रहे हैं और हर दिन नये लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. नंबर एक्टिव है ऐसे मामलों में पुलिस हाथ खड़े कर रही है़
प्रशिक्षण की जरूरत
इस तरह की ठगी का गांव व शहर भी मायने नहीं रखता़ लोगों को अभियान चला कर डिजिटल के बारे में प्रशिक्षण देने की जरूरत है़
मधेपुरा न्यायालय में कार्यरत युगल किशोर मेहता जिला मुख्यालय में पुरानी बाजार के निवासी है. गत वर्ष 18 जून को उनके पास 9708314856 नंबर से एक कॉल आया. फोन करने वाले ने अपना परिचय एटीएम एक्जीक्यूटिव के तौर पर दिया और उन्हें उनके डेबिट कार्ड की अवधि समाप्त होने की बात कही. नये एटीएम कार्ड जारी करने के लिए उनसे कार्ड पर अंकित नंबर बताने कहा.
मोबाइल पर आये वैकल्पिक कोड भी पूछा और उनके खाते से करीब 47 हजार रुपये कहीं और भुगतान कर दिया गया. यह भुगतान पेटीएम डॉट कॉम के जरिये किया गया था. वहीं दूसरे दिन युगल किशोर मेहता की पत्नी के मोबाइल पर उसी नंबर से वैसा ही फोन आया. कॉल युगल ने ही रिसीव किया. ठगे जाने वाले व्यक्ति की लाचारगी देखिये कि युगल ने उससे कहा कि यार फिर मेरा ही नंबर मिला तुम्हे. इस पर ठग ने सॉरी कहते हुए फोन काट दिया़ नंबर अब भी एक्टिव है़
गत वर्ष 22 जून को मधेपुरा में पदस्थापित वरीय उपसमाहर्ता कृष्ण मोहन प्रसाद को 9507571614 नंबर से ऐसा ही एक फोन आया़ उनके खाते से 57 हजार से अधिक रुपये का भुगतान कर दिया गया़ जब तक वह समझ पाते तब तक उनके मोबाइल पर खाते से राशि निकासी होने संबंधी एसएमएस आ चुका था़ उन्होंने सदर थाना में प्राथमिकी भी दर्ज करायी, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला है.

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