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ललन सिंह के बारे में जानिए, जदयू में उतार-चढ़ाव भरा रहा है सियासी सफर..

Lalan Singh News: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया. जदयू में ललन सिंह का सफर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. ललन सिंह को कभी कैबिनेट से बर्खास्त भी कर दिया गया था. जबकि उनकी सदस्यता तक लेने जदयू लोकसभा पहुंची थी.

Lalan Singh News: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से ललन सिंह ने अपना इस्तीफा दे दिया है. शुक्रवार को दिल्ली में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. जिसमें ललन सिंह ने अपने इस्तीफे की पेशकश की और इसे स्वीकार कर लिया गया. ललन सिंह को जदयू का कद्दावर नेता माना जाता है. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मुंगेर लोकसभा क प्रतिनिधित्व करते हैं. नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाने वाले नेताओं में ललन सिंह भी एक हैं. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में व्यस्तता की वजह बताते हुए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा है. उन्होंने नीतीश कुमार को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का समर्थन किया है.

बेगूसराय के भी सांसद रहे ललन सिंह

ललन सिंह भूमिहार बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं. भागलपुर के टीएनबी कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन किया और छात्र जीवन से ही राजनीति में उन्होंने दिलचस्पी दिखा दी थी. ललन सिंह भागलपुर में कॉलेज छात्र संघ के महासचिव थे. जेपी के नेतृत्व वाले आंदोलन में भी उन्होंने भाग लिया था. जदयू में उनका सियासी सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है. ललन सिंह वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में बेगूसराय से जदयू उम्मीदवार बनकर उतरे थे और चुनाव जीतकर सांसद बने थे.

जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रहे, लेकिन जदयू में पड़े अलग-थलग

जदयू ने ललन सिंह को बिहार ईकाई का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया. उस दौरान वर्ष 2010 में ललन सिंह प्रदेश अध्यक्ष रहते नीतीश कुमार के विरोध में उतर गए. जिसके बाद जदयू में ही वो अलग-थलग हो गए. उसके बाद पार्टी ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की और लोकसभा का रुख किया. लेकिन 2013 में फिर से एकबार नीतीश कुमार से उनकी करीबी बढ़ी और पार्टी ने अपना फैसला वापस लिया था. लोकसभा चुनाव 2014 में मुंगेर लोकसभा सीट से उन्हें जदयू ने मैदान में उतारा. लेकिन ललन सिंह लोजपा उम्मीदवार वीणा देवी से बुरी तरह हार गए.

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MLC बनाकर मंत्री बनाया, मांझी कैबिनेट में हुए बर्खास्त

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद ललन सिंह के लिए जदयू ने अलग रास्ता तैयार किया. उन्हें राज्यपाल कोटे के तहत बिहार विधान परिषद का सदस्य बनाया गया. इस बीच जदयू ने बड़ा फेरबदल किया और नीतीश कुमार ने अपनी जगह जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बना दिया तो ललन सिंह मांझी कैबिनेट में मंत्री बनाए गए. जदयू में इसे लेकर काफी उथल-पुथल भी मचा. जीतन राम मांझी ने वर्ष 2015 में ललन सिंह को कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था. लेकिन जब नीतीश कुमार फिर एकबार मुख्यमंत्री बने तो ललन सिंह को महागठबंधन सरकार में मंत्री बनाया गया.

मुंगेर से चुनाव जीते ललन सिंह

ललन सिंह को लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए की ओर से जदयू ने मुंगेर सीट पर उम्मीदवार बनाया और इसबार ललन सिंह ने मुंगेर सीट पर बाजी मार ली. बता दें कि इस चुनाव में भाजपा और जदयू एकसाथ थी. एनडीए ने बिहार में 39 सीटों पर कब्जा जमाया और नरेंद्र मोदी दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे. इधर, जदयू ने आरसीपी सिंह को अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया. लेकिन भाजपा से करीब होने और पार्टी विरोध में काम करने के आरोप में जदयू ने उन्हें पद से मुक्त कर दिया. जिसके बाद 31 जुलाई 2021 को ललन सिंह को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था.

ललन सिंह के नेतृत्व में नेशनल पार्टी नहीं बन सकी जदयू

ललन सिंह के अध्यक्ष रहते भाजपा और जदयू अलग हो गयी और महागठबंधन सरकार का हिस्सा जेडीयू एकबार फिर से बनी है. बता दें कि ललन सिंह ने जदयू को नेशनल पार्टी बनाने की पूरी जोर लगायी. हालांकि अपने कार्यकाल में वो इस मुहीम को सफल नहीं बना सके. जबकि अब लोकसभा चुनाव 2024 में जदयू और भाजपा की राहें फिर अलग है. इस दौरान पार्टी की कमान फिर से नीतीश कुमार के हाथों में दी गयी है. जदयू इसबार राजद और कांग्रेस व वामदलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही है. वहीं नीतीश कुमार की पहल पर विपक्षी दलों के नेता भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए हैं.

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