24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कठिन चुनौती है शराबबंदी कानून का पालन

जिला में सात विदेसी शराब दुकानों के लिए नहीं तय हो पाया दुका लखीसराय : सूबे में पहली अप्रैल से शराब बंदी कानून लागू हो जायेगा. राज्य सरकार के निर्देश पर उत्पाद विभाग इसकी तैयारी में जुटा है. इसके लिए जोर-शोर से कवायद की जा रही है. नशा मुक्ति केंद्र की व्यवस्था से लेकर लोगों […]

जिला में सात विदेसी शराब दुकानों के लिए नहीं तय हो पाया दुका

लखीसराय : सूबे में पहली अप्रैल से शराब बंदी कानून लागू हो जायेगा. राज्य सरकार के निर्देश पर उत्पाद विभाग इसकी तैयारी में जुटा है. इसके लिए जोर-शोर से कवायद की जा रही है. नशा मुक्ति केंद्र की व्यवस्था से लेकर लोगों को शराब से होनेवाले नुकसान की जानकारी देकर उन्हें जागरूक किया जा रहा है. शराब व्यवसाय से जुड़े सिंडिकेट पड़ोसी राज्य में शिफ्ट करने की तैयारी में है.

इसके प्रथम चरण में जिले में सबसे पहले देसी शराब की दुकानों का अस्तित्व 31 मार्च 2016 की देर रात समाप्त कर दिया जाना है. एक अप्रैल से देसी शराब की बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध होगा. पहली अप्रैल से जिला मुख्यालय में सात विदेसी शराब की दुकानों का संचालन सरकार अपने स्तर से करने की तैयारी में लगी हुई है.

कहते हैं उत्पाद अधीक्षक
इस बाबत उत्पाद अधीक्षक तथा बिहार स्टेट विवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के विदेसी शराब के लिये 07 दुकानों की तलाश करने का कार्य पूरा किया जा रहा है. उत्पाद अधीक्षक पराशर शर्मा ने बताया कि दुकानों की प्रक्रिया चल रही है. श्री शर्मा ने बताया कि कई निजी भवन मालिकों ने दुकान खोलने को लेकर अपनी सहमति दे दी है. केवल किराया को लेकर उनसे फाइनल नहीं हुआ है. किराया निर्धारित होते ही निजी भवन में कुल सात विदेसी शराब की दुकानों को एक अप्रैल से पहले सारी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी. श्री शर्मा ने बताया कि उनका प्रयास है कि 15 मार्च तक दुकानों को फाइनल कर भवन मालिकों के साथ किराया नामा पर एकरारनामा तैयार करा लिया जायेगा. ताकि उसके बाद दुकान के लिये उनके द्वारा दिये जा रहे कमरे को दुकान का रूप दे दिया जाय. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा एक अप्रैल से किसी अनुमंडल, प्रखंड या पंचायत में ना तो देसी शराब की दुकानें रहेंगी न ही विदेसी शराब की दुकानें रहेंगी.
ये शराब दुकानें कोई लाइसेंसधारी शराब व्यवसायी के नहीं होंगे. इन दुकानों का संचालन राज्य सरकार के स्तर पर ही किया जायेगा. इसका जिम्मा बिहार स्टेट विवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड के अंतर्गत संचालित है. इधर कारोबारी की मानें तो ग्रामीण इलाके में शराब की बिक्री पर रोक के बाद अवैध महुआ शराब के कारोबार पर नियंत्रण आसान नहीं होगा क्योंकि अब तक सरकार इस अवैध कारोबार को पूर्णतया रोकने में विफल रही है.
ग्रामीण इलाके में चोरी-छिपे देसी व विदेसी शराब की बिक्री भी होगी. इससे सरकारी राजस्व को काफी क्षति होगी. बुुद्धिजीवियों का मानना है कि राज्य सरकार के इस निर्णय से वर्तमान में राजस्व संबंधी थोड़ी कठिनाई जरूर आयेगी लेकिन इसका दूरगामी परिणाम होगा. यह फैसला स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक होगा. इससे शराब से जुड़ी कई सामाजिक विकृतियों पर अंकुश लग जायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें