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ब्लड कैंसर से ग्रसित है पूरा परिवार

ब्लड कैंसर से ग्रसित है पूरा परिवार सोनो स्थित लाइफ केयर सेंटर द्वारा परिजन की हो रही है नि:शुल्क चिकित्सामल्लेपुर के श्रवण के पास इलाज कराने को नही हैं पैसेगुहार लगाने के बावजूद नहीं मिल रही है सरकारी मददफोटो 10(थैलीसीमिया से पीड़ित श्रवण कोड़ा)प्रतिनिधि, सोनोमुसीबत व परेशानी किस कदर किसी मानव की परीक्षा ले सकती […]

ब्लड कैंसर से ग्रसित है पूरा परिवार सोनो स्थित लाइफ केयर सेंटर द्वारा परिजन की हो रही है नि:शुल्क चिकित्सामल्लेपुर के श्रवण के पास इलाज कराने को नही हैं पैसेगुहार लगाने के बावजूद नहीं मिल रही है सरकारी मददफोटो 10(थैलीसीमिया से पीड़ित श्रवण कोड़ा)प्रतिनिधि, सोनोमुसीबत व परेशानी किस कदर किसी मानव की परीक्षा ले सकती है इसका ताजा उदाहरण सोमवार को तब देखने को मिला जब मल्लेपुर के समीपवर्ती भलुका वाछी प्यारे गांव से इलाज कराने सोनो आये 27 वर्षीय श्रवण कोड़ा ने अपनी पीड़ा को बयां किया़ सोनो स्थित लाइफ केयर सेंटर में पिछले तीन साल से नि:शुल्क इलाज करा रहे बेहद गरीब श्रवण को ब्लड कैंसर है़ त्रासदी इतना ही नही है़ श्रवण रुंधे गले से बताते हैं कि उनकी 23 वर्षीय पत्नी क्रांति देवी, चार वर्षीय पुत्री आशा कुमारी व एक वर्ष का पुत्र दीपक भी ब्लड कैंसर से पीड़ित है़ परिवार के सभी चार सदस्यों का इलाज लाइफ केयर सेंटर के डायरेक्टर व चिकित्सक डा एमएस परवाज की देखरेख में निशुल्क किया जा रहा है़ लखीसराय जिला के इटौन के समीप कछुआ गांव निवासी सहदेव कोड़ा का पुत्र श्रवण गुजरात के गांधीधाम में मजदूरी करता था़ गांधीधाम स्थित एक अस्पताल में अपनी बच्ची के इलाज के क्रम में पहली बार उसे यह पता चला कि उसकी बच्ची को ब्लड कैंसर है़ वह बताते हैं कि उसकी बच्ची का बुखार कम ही नही हो रहा था़ बार-बार खून दिए जाने के बावजूद भी खून की कमी की शिकायत होने लगी तब चिकित्सको ने उसके खून की जांच करायी जिसमें यह खुलासा हुआ कि बच्ची को थिलेसिमिया है़ लक्षण को देखते हुए जब बच्ची के माता पिता की जांच की गयी तो वे दोनों भी थिलेसिमिया से ग्रसित पाये गये.नहीं मिली सरकारी मददगांधीधाम अस्पताल प्रबंधक ने पूरे परिवार का इलाज भेलोर में कराने का सुझाव दिया परंतु आर्थिक तंगी के कारण श्रवण भेलोर से इलाज नहीं करा सका़ बीमारी की चिंता से वह टूट चुका था़ वर्ष 2012 में श्रवण बुझे मन से वापस घर आ गया और कुछ दिन बाद ही वह गांव से अपने ससुराल मल्लेपुर के भलुका वाछी प्यारे गांव आकर रहने लगा़ इस बीमारी के इलाज में खर्च होने वाली बड़ी राशि के अभाव में इलाज बंद हो गया था़ उसने जमुई सिविल सर्जन को आवेदन देकर इलाज कराने की गुहार भी लगायी परंतु मदद नहीं मिली़निशुल्क चिकित्सा के लिए आगे आये निजी चिकित्सक जिंदगी की जंग लड़ते श्रवण की मुलाकात पाड़ो स्थित लाईफ केयर सेंटर में डा एमएस परवाज से हुई़ स्थिति जानने के बाद उन्होंने इस लाचार व बीमार परिवार की मदद करने का मन बनाया़ उन्होंने पूरे परिवार की चिकित्सा नि:शुल्क करना शुरू किया़ बाद में जब डा परवाज ने सोनो आकर अपना नसिंर्ग होम खोला तब श्रवण समय-समय पर सोनो ही आकर अपनी चिकित्सा उनसे कराने लगा़ इसी बीच श्रवण को एक पुत्र की प्राप्ति हुई परंतु उसकी खुशी तब काफूर हो गयी जब उसे यह पता चला कि उसका नवजात पुत्र भी थिलेसिमिया से ग्रसित है़ उसकी दुर्भाग्य पर चिकित्सक भी हैरान थे़ अपने परिवार के सदस्यों के ब्लड कैंसर से ग्रसित होने की जानकारी से पूर्व उसकी एक बच्ची सात माह की उम्र में व एक पुत्र तीन वर्ष की उम्र में इसी बीमारी के कारण काल के गाल में समा चुके थे़इलाज में हो रहा है प्रति माह हजारों का खर्च चिकित्सक डा परवाज बताते हैं कि श्रवण के सभी चार परिवार सदस्यों के इलाज में प्रति माह हजारों रुपये खर्च हो रहे है़ं एक-डेढ़ वर्ष के अंतराल पर खून भी दिया जाता है़ श्रवण की बच्ची आशा को चिकित्सक अपना खून देते है़ं अन्य लोगों के लिए खून की व्यवस्था करनी पड़ती है़ कभी-कभी खून की उपलब्धता में परेशानी भी हो जाती है़ डा परवाज सहित श्रवण के अन्य शुभचिंतकों का मानना है कि इस परिवार को सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए़ बताते चलें थिलेसिमिया ब्लड कैंसर का ही एक रूप है़ इसके मरीज के खून में पाया जानेवाला आरबीसी कोशिका खत्म होने लगता है जिससे हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है़ मरीज को भूख कम लगने लगती है और बुखार लगातार बना रहता है़ इसके मरीज की चिकित्सा नहीं होने से एक-दो साल में ही उसकी मृत्यु हो सकती है़

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