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समय पर होता इलाज, तो मजदूर की बच सकती थी जान

िबस्कोमान भवन की छत काम कर रहा था मजदूर पांव फिसलने से घायल हो गया था देवनारायण साह इलाज के दौरान पीएचसी में हुई मजदूर की मौत, ग्रामीणों ने अस्पताल में की तोड़फोड़, हंगामा व सड़क जाम हलसी : सदर अस्पताल एवं बड़हिया रेफरल अस्पताल की कुव्यवस्था के बाद सोमवार हलसी पीएचसी की कुव्यवस्था भी […]

िबस्कोमान भवन की छत काम कर रहा था मजदूर

पांव फिसलने से घायल हो गया था देवनारायण साह
इलाज के दौरान पीएचसी में हुई मजदूर की मौत, ग्रामीणों ने अस्पताल में की तोड़फोड़, हंगामा व सड़क जाम
हलसी : सदर अस्पताल एवं बड़हिया रेफरल अस्पताल की कुव्यवस्था के बाद सोमवार हलसी पीएचसी की कुव्यवस्था भी उजागर हुई़ पीएचसी में सुबह में ड्यूटि पर चिकित्सक के नहीं रहने की वजह इलाज के अभाव में एक मजदूर की मौत हो गय. जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश व्याप्त है़ बताते चलें कि सोमवार की सुबह मजदूरी करने के दौरान के लिए घायल हुए मजदूर देवनारायण साव के पीएचसी में इलाज के अभाव में मौत हो जाने पर आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर समय रहते देवनारायण साव इलाज किया जाता तो उनकी जान बच सकती थी. ग्रामीण मंटून, देवेंद्र, अमित, छोटू, रंजीत, सुनील, जयराम, पंकज सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि सुबह आठ बजे घायल मजदूर को पीएचसी में भरती कराया गया उस समय कोई चिकित्सक मौजूद नहीं था.
ड्यूटी पर तैनात एकमात्र स्वास्थ्य कर्मी द्वारा ही घायल को स्लाइन चढ़ाया जा रहा था लेकिन सवा 10 बजे कोई वरीय चिकित्सक के पीएचसी में नहीं आने पर घायल की तबीयत बिगड़ती चली गयी और उसकी मौत हो गयी. ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल के सारे चिकित्सक समय पर आते नहीं है जिस कारण मरीज को हमेशा को अन्यत्र जगह इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहा कि पीएचसी में जांच की कोई सुविधा नहीं है, एक्स-रे मशीन खराब पड़ा है, ऑक्सीजन की भी व्यवस्था नहीं है, दवा भी बाहर ही से ही खरीदकर लाना पड़ता है, अगर किसी घायल का तबीयत बिगड़ने पर उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस तक नहीं है, प्राइवेट वाहन से इलाज के लिए अन्यत्र जगह ले जाया जाता है. ग्रामीणों ने कहा कि पीएचसी में तैनात चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी व नर्स आने के समय से एक से डेढ़ घंटे विलंब से आते हैं लेकिन जाने के दौरान समय से पूर्व ही चले जाते है. जिस कारण इस दौरान आने वाले मरीज को इलाज के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी का भी सिकंदरा में क्लीनिक चलता है जिसकारण उनका समय ज्यादातर वहीं ही गुजर जाता है, वे दिनभर में एक से दो घंटे ही पीएचसी में गुजारते है.
ग्रामीणों का आरोप, समय पर पीएचसी में न तो चिकित्सक और न ही नर्स आते हैं

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