23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

एनएन 327 ई पर नहीं हो रहा धर्मकांटा का प्रयोग, ओवर लोड वाहनों का परिचालन जारी

ओवरलोड वाहनों के कारण समय से पहले खराब होने वाली हाईवे की सुरक्षा के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने एक प्रयोग किया था

ठाकुरगंज

ओवरलोड वाहनों के कारण समय से पहले खराब होने वाली हाईवे की सुरक्षा के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआइ) ने एक प्रयोग किया था. ओवरलोड वाहनों से सड़कों को बचाने के लिए एनएचएआइ ने टोल प्लाजा में वेब ब्रिज (धर्मकांटा) लगाया. टोल प्लाजा में आने वाले मालवाहक वाहनों को देखते ही अगर कर्मचारी को लगा कि वाहन ओवरलोड है तो उसे धर्मकांटा से होकर निकलने को कहा जाएगा. इसमें निर्धारित क्षमता से जितना ज्यादा लोड उतना ज्यादा जुर्माने का प्रावधान रखा गया. एनएचएआइ के इस प्रयोग से लंबी दूरी की गाड़ियों में ओवरलोड कम होने का दावा एनएचएआई करता है. लेकिन गलगलिया- अररिया एनएच 327 ई पर जीरनगछ टोल प्लाजा इस उम्मीद पर खरा नहीं उतर पाया है.अपनी स्थापना के सवा साल होने के बाबजूद इस टोल प्लाजा पर मौजूद धर्मकांटा से एक भी ट्रक से ओवरलोड के कारण जुर्माना नहीं वसूला गया. जबकि एनएचएआई का दावा है की 5 जून 24 से यह धर्म कांटा चालू स्थिति में है. सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में एनएचएआई पूर्णिया परियोजना क्रियान्वयन इकाई के परियोजना निदेशक ने इस बात की जानकारी देते हुए माना की जीरनगछ टोल प्लाजा में अवस्थित धर्मकांटा का नियंत्रण टोल प्लाजा एजेंसी के पास है.

एनएच 327 ई पर ओवरलोड वाहनों का है आना जाना

पूर्वोतर से उतर भारत को जोड़ने का बड़ा माध्यम एनएच 327 ई पिछले कुछ समय से ओवरलोडेड वाहनों के परिचालन के लिए सेफ जोनमानी जाती है. आये दिन मिडिया में इस बात का खुलासा होता रहा है की बंगाल की सीमा के प्रवेश स्थल गलगलिया के समीप चक्करमारी से इस सड़क पर इंट्री माफियाओं का खेल आरंभ हो जाता है. इससे राज्य सरकार को प्रतिमाह करोड़ों के राजस्व का चूना लग रहा है. वजह यह है कि इंट्री माफियाओं और अधिकारियों के गठजोड़ से चावल और मवेशी लदे ट्रकों के अलावा गिट्टी, ईंट लदे ओवरलोड ट्रक व कंटेनर को बेरोकटोक इस रास्ते होकर गुजर रहे हैं. इसके एवज में ट्रक चालकों से मोटी रकम वसूली जाती है. जाहिर है कि प्रतिदिन लाखों की कमाई हो रही है. प्रतिदिन सैकड़ों ओवरलोड ईंट लदे ट्रक बंगाल के साथ सिक्किम तक भेजे जा रहे हैं. बंगाल से आने वाला बालू, गिट्टी किशनगंज पहुंचे ही इंट्री माफियाओं के लिए यह सोने में तब्दील हो जा रहा है.

आखिर क्यों चुप हैं टोलप्लाजा संचालक

जीरनगछ टोलप्लाजा होकर पिछले सवा साल में एक भी ओवरलोड वाहन नहीं गुजरने के एनएचएआई के दावे की परते समय समय पर इस पथ पर होने वाली एमभीआई चेकिंग में खुलती रही है . दर्जनों बार परिवहन विभाग ने ओवरलोड ट्रको को पकड़ कर उनपर जुर्माना लगाया है उसके बाबजूद टोलप्लाजा होकर ओवरलोड वाहनों का आवागमन नहीं होने का एनएचएआई का दावा लोगो के गले नहीं उतर रहा .

एनएच 327 ई पर क्यों लगाया गया है धर्मकांटा

बताते चले सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान ट्रकों की ओवरलोडिंग रोकने के लिए हाईवे पर इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटा लगाने के आदेश दिए हैं. इसके तहत हाईवे पर स्थापित टोल प्लाजा पर ही इनमोशन वेब्रिज स्थापित किए जाने का फैसला लिया गया. जैसे ही ओवरलोडेड वाहन टोल पर पहुंचेंगे, वहां लगे इनमोशन वेब्रिज के चलते कम्प्यूटर पर उसके नंबर के साथ उनका वजन भी आ जाए. उसके वजन के हिसाब ही कम्प्यूटर उस वाहन के टोल टैक्स की पर्ची निकालेगा, जो वाहन चालक को अदा करना होगा. यह ब्योरा स्थानीय आरटीओ को भेजा जाएगा . जिसके बाद भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर 2018 को इस मामले में अधिसूचना जारी की गई .

यह है जुर्माने का प्रावधान

-आरटीओ द्वारा वाहन की निर्धारित क्षमता से 20 प्रतिशत तक ज्यादा ओवरलोड होने पर टोल राशि का दो गुना.

– बीस से 40 प्रतिशत तक चार गुना, 40 से 60 प्रतिशत तक 6 गुना, 60 से 80 प्रतिशत तक आठ गुना और अस्सी प्रतिशत और उससे अधिक दस गुना.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel