ठाकुरगंज
महासप्तमी के दिन सोमवार को ठाकुरगंज में कई पूजा पंडालो में नव पत्रिका अनुष्ठान किया गया. कहते हैं कि इसमें शक्ति के संग प्रकृति पूजन की परंपरा समावेशित है. ठाकुरगंज के लाहिड़ी पूजा मंडप, मिलन संघ कचहरी पाडा पूजा पंडाल में यह पूजा हुई. लाहिड़ी पूजा मंडप में नव पत्रिका पूजन अनुष्ठान कराने वाले पुरोहित उतम राय कहते हैं कि महा सप्तमी के दिन प्रात: काल के समय तय शुभ मुहूर्त पर नव पत्रिका पूजन अनुष्ठान होता है. इसमें नौ तरह की पत्तियों से मिलाकर बनाए गए गुच्छे को तालाब में मंत्रोच्चार के साथ महास्नान कराया जाता है. इसके माध्यम से ही दुर्गा का आह्वान किया गया. नव पत्रिका में केला, दारु हल्दी, जयंती, बेलपत्र, अनार, अशोक, धान व अमलतास की पत्तियों का गुच्छ बनाया जाता है. इन्हीं नौ पत्तियों को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर इसे दुर्गा मंडा में पूरे विधि-विधान से स्थापित किया जाता है.पारंपरिक तरीके से किया जाता है नव पत्रिका पूजन
ठाकुरगंज में नव पत्रिका पूजन अनुष्ठान पारंपरिक तरीके से किया गया. सोमवार को श्रद्धालु ढोल-ढाक के साथ चतुर डोला यानी की डोली को कांधे पर लेकर तालाब पहुंचे. यहां इन्हें पुरोहितो ने मंत्रोच्चार के बीच नव पत्रिका महा स्नान कराने की परंपरा का निर्वहन किया. इसके उपरांत नव पत्रिका को डोली में रखकर उसे दुर्गा मंडप में लाकर स्थापित किया गया. इस दौरान माता स्वरूप नव पत्रिका को फल, फूल, पुष्प, नारियल, खीर, पूड़ी व कई तरह के मिष्ठान प्रसाद के तौर पर चढ़ाया गया.नौ पत्तियां दुर्गा के नौ स्वरूपों का प्रतीक
पुरोहित भोला नाथ मुखर्जी के मुताबिक दुर्गा पूजा में महा सप्तमी के दिन नव पत्रिका पूजा का विशेष महत्व है. बंगाल में इसे कोलाबोऊ पूजा के नाम से भी पुकारा जाता है. कहते हैं कि नवपत्रिका का पूजन पतरा के अनुसार घोषित समय पर शुरू किया जाता है और इसका समापन भी नियत समय के अंदर कराया जाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

