Bihar news: ठाकुरगंज. ठाकुरगंज से किशनगंज जानेवाली सड़क पर महानंदा नदी पर पुल का निर्माण कार्य शुरू होने से ग्रामीणों में खुशी देखी जा रही है. इस सड़क पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो जाने और कम चौड़ाई होने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था, साथ ही ग्रामीणों को आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ रही थी. लेकिन पूर्व के पुल के समीप ही नये पुल निर्माण होगा.. जिससे लोगों को आने-जाने में काफी सहूलियत होगी.
शुरू हुई मिट्टी जांच
ठाकुरगंज से जिला मुख्यालय को जोड़ने वाले महानंदा नदी पर पुल निर्माण के लिए मिट्टी की जांच की जा रही है. जिसकी जांच की रिपोर्ट पर पुल का डिजाईन निर्भर करेगा. इसके लिए प्राधिकरण द्वारा विशेष टीम को बुलाया गया है जो बीते एक सप्ताह से अधिक समय से मिट्टी की जांच कर रही है. मिट्टी जांच के बाद पुल का एलाईन्मेंट तय होगा और फिर इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो जायेगी इस बात की जानकारी बिहार राज्यं पुल निर्माण निगम लिमिटेड के सीनियर प्रोजेक्ट इंजिनियर रवी कुमार रंजन ने दूरभाष पर दी, इस दौरान उन्होंने आशा प्रकट की यदि सब सही रहा तो मार्च माह में इस पुल की प्रक्रिया टेंडर में चली जायेगी. बताते चले ठाकुरगंज प्रखंड मुख्यालय को जिला मुख्यालय किशनगंज से जोड़ने वाला यह महानंदा पुल वाहन चालकों और आम जनमानस को खासा परेशान करती है.
61 करोड़ की लागत से बनेगा महानंदा पुल
बताते चलें कि किशनगंज-तैयबपुर-ठाकुरगंज-गलगलिया (केटीटीजी) सड़क मार्ग पर स्थित महानंदा नदी पर बने 111 साल पुराना पुल के बदले नए आरसीसी पुल की घोषणा पिछले दिनों मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने की थी. 61 करोड़ 81 लाख की अनुमानित लागत पर प्रशाशनिक स्वीकृति प्रदान की गई है. बताते चले पुल काफी जर्जर हालत में है. यह पुल किसी भी वक्त बड़े खतरे को दावत दे सकता है. इस पुल को ठीक करने अथवा पुल में उत्पन्न जाम की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए कोई ठोस प्रयास प्रशासन द्वारा नहीं की जाने से राहगीरों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है. पुल पर रोजाना लगने वाला जाम अब लोगो को परेशान करने लगा है.
1913 में बना है यह पुल
किशनगंज-ठाकुरगंज पथ पर महानन्दा नदी पर बना पुल पर अंकित सूचना के मुताबिक इस पुल का निर्माण वर्ष 1913 में ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ण एन्ड कंपनी लिमिटेड,हावड़ा (पश्चिम बंगाल) नामक ब्रिज बिल्डर कंपनी ने कराया था. यह पुल न सिर्फ ठाकुरगंज प्रखंड को जिला मुख्यालय किशनगंज से जोड़ती है. बल्कि आपदा के समय जब एन एच 31 बंद रहता है तो किशनगंज को पूर्वोतर भारत से भी जोड़ने का काम करती है.
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