Bihar News: बिहार के सीमांचल इलाके में फर्जी पहचान पत्र बनाने वाले एक हाई-टेक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. किशनगंज जिले के जियापोखर थाना क्षेत्र के गिलहाबारी गांव में पुलिस ने शुक्रवार देर शाम छापेमारी कर इस नेटवर्क को ध्वस्त किया. कार्रवाई में एक आरोपी असरफुल (40) को गिरफ्तार किया गया, जो भारत-नेपाल और भारत-बांग्लादेश सीमा के समीप रहने वाले संदिग्धों के लिए फर्जी आधार कार्ड तैयार कर रहा था.
लैपटॉप, स्कैनर और नेपाली करेंसी सहित कई उपकरण जब्त
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से एक लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर, बायोमेट्रिक डिवाइस, नेपाली करेंसी और नेपाली सिम कार्ड बरामद किए हैं. साथ ही कई फर्जी आधार कार्ड और पहचान से जुड़े अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं.
घुसपैठियों को दिला रहा था भारतीय पहचान
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया है कि गिरोह बांग्लादेश और नेपाल से घुसपैठ कर भारत में बसने वालों को अवैध तरीके से भारतीय पहचान पत्र दिलाने का काम करता था. किशनगंज के एसपी सागर कुमार ने बताया कि असरफुल के दो अन्य साथी जमाल और पंकज फरार हैं और उनकी तलाश में छापेमारी जारी है.
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आधार जैसे संवेदनशील दस्तावेजों की सुरक्षा पर सवाल
यह मामला सिर्फ साइबर क्राइम का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है. सीमा क्षेत्र में इस तरह का नेटवर्क सक्रिय होना गहरी चिंता का विषय है. पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि इस गिरोह के तार कितने बड़े नेटवर्क से जुड़े हैं और फर्जी पहचान पत्रों के जरिए किन गतिविधियों को अंजाम दिया गया.