पहाड़कट्टा. लोकतंत्र के महापर्व में हर वर्ग के लोगों ने अपनी भागीदारी निभाई. इस जश्न में एक प्रेरणादायक मिसाल बने 105 वर्षीय सदरुल हक अंसारी. जिन्होंने उम्र और बीमारी दोनों को मात देकर मतदान का फर्ज अदा किया. मंगलवार की सुबह पोठिया बाजार निवासी सदरूल हक अंसारी ने अपने घर वालों से एक ही जिद्द की, आज वोट जरूर डालना है. स्वास्थ्य अब उनका साथ नहीं देता ,चलने में तकलीफ होती है,पर लोकतंत्र के प्रति जुनून ऐसा कि उन्होंने परिवार से कहा कि पुरखों ने जो ब्रिटिश हुकूमत से हमें आजादी दिलाई है,उसका हक मैं अदा कर आऊं. उनकी यह दृढ़ इच्छा देखकर परिवार वाले भी भावुक हो उठे. अंततः उनकी पोती सेहरिश जलाल के साथ वे कन्या प्राथमिक विद्यालय पोठिया मतदान केंद्र पहुंचे. सुबह करीब 10 बजे बूथ पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतदान कर लौटते वक्त उनके चेहरे पर काफी गर्व और खुशी झलक रहा था. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश हुकूमत को उन्होंने अपने आंखों से देखा है. आजादी पाने के लिए कितनों ने खून बहाया. तबसे सोच लिया था,जबतक सांस चलेगी,हर चुनाव में वोट डालकर लोकतंत्र को मजबूत करेंगे. वरिष्ठ मतदाता सदरुल हक अंसारी ने बताया कि वे हर चुनाव में मतदान करते रहे है.
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