सप्तशती के पाठ से माहौल हुआ भक्तिमय खगड़िया . शारदीय नवरात्र के दूसरे दिन मंगलवार को देवी मंदिरों में भक्तजनों की कतार अहले सुबह से ही लगनी शुरू हो गयी. दुर्गा सप्तशती के श्लोक और शंख ध्वनियों से शहर से लेकर गांवों तक का माहौल भक्तिमय हो गया है. दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की गयी. हालांकि इस बार तृतीया तिथि दो दिन होने के कारण शारदीय नवरात्र का अनुष्ठान 10 दिनों तक चलेगा. पूजा पंडालों, मठ-मंदिरों, जगदंबा स्थानों और आवासीय परिसरों मेमं मंत्रों तथा शंख ध्वनियों की गूंज उठी, तो शहर के चौक-चौराहों से लेकर गली-मुहल्लों तक का वातावरण श्रद्धा-भक्ति से सराबोर हो गया. सुख-शांति और लोक मंगल की कामनाओं के साथ शारदीय नवरात्र की पूजा शुरु हुई. बता दें की सोमवार को शुभ मुहूर्त में देवी मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापना की गयी. मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का महत्व मंगलवार को शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित रहा. यह दिन साधना, तपस्या और संयम का प्रतीक माना जाता है. इस अवसर पर भक्त मां की आराधना कर ज्ञान, तप और वैराग्य की प्राप्ति करते हैं. उन्होंने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया. उनकी आराधना से साधक के भीतर धैर्य, तप, त्याग और संयम की शक्ति विकसित होती है. मां ब्रह्मचारिणी विद्या, विवेक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती हैं. उनकी पूजा से जीवन में निर्णय लेने की क्षमता और सच्चे ज्ञान की प्राप्ति होती है. साथ ही घर में सुख-शांति, सौभाग्य और ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है.
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