गोगरी. अनुमंडलीय अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की खबर उजागर होने के बाद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रप्रकाश ने हरकत में आते हुए ड्यूटी पर तैनात संबंधित गार्ड को पत्र देकर स्पष्टीकरण की मांग की है. 24 घंटे में जवाब देने को कहा है. बता दें कि बीते 31 अक्टूबर को प्रभात खबर ने शीर्षक अनुमंडलीय अस्पताल में मांगने पर भी नहीं मिला बेड व स्लाइन स्टैंड, परिजन हाथ में थामे रहे बोतल को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था. जिसके बाद गोगरी के अनुमंडलीय अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. चंद्रप्रकाश ने ड्यूटी पर तैनात गार्ड विपुल कुमार को पत्र देकर स्पष्टीकरण की मांग किया है. हालांकि खबर छपते ही स्वास्थ्य विभाग और सभी कर्मी के बीच खलबली मच गयी. सभी अपने-अपने बचाव करते हुए सफाई देते रहे.
क्या था मामला
बता दें कि महेशखूंट के बड़ी मदारपुर निवासी संजीत कुमार नामक एक युवक का तबीयत अचानक बीते बुधवार की देर रात खराब हो गया था. परिजन ने आनन-फानन में अनुमंडलीय अस्पताल में इलाज के लिए लाया था. जहां से चिकित्सक ने इमरजेंसी कक्ष में भर्ती करने के बजाय एक पानी का बोतल लगा दिया. भागलपुर मायागंज रेफर कर दिया गया था. जिसके बाद परिजन मरीज को ले जाने के लिए एम्बुलेंस देने का गुहार लगाता रहे. लेकिन अस्पताल में मरीज और परिजन को सुनने वाला कोई नहीं था. थक हारकर परिजन अस्पताल के बाहर मरीज को लेकर जमीन पर बैठ गया. हाथ में लगे स्लाइन की बोतल को पकड़कर घंटों बैठा रहा. मौके पर गार्ड विपुल कुमार भी था. लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं किया था.
कहते हैं प्रभारी
प्रभात खबर ने खबर को प्रकाशित कर अस्पताल कर्मी और गार्ड के लापरवाही को उजागर किया है, इसके लिए प्रभात खबर धन्यवाद के पात्र हैं. ड्यूटी पर तैनात गार्ड से स्पष्टीकरण पूछा गया. जवाब नहीं दिया गया है. जवाब मिलने के बाद आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई होगी. इतना ही नहीं सभी स्वास्थ्य कर्मी को सख्त हिदायत किया गया है की ऐसा यदि कोई भी मरीज आता है. यदि रेफर किया जाता है तो जबतक उन्हें एम्बुलेंस या निजी वाहन की सुविधा उपलब्ध नहीं हो जाता है. तब तक मरीज को इमरजेसी में ही रहने दें.डॉक्टर चंद्रप्रकाश प्रभारी, चिकित्सा पदाधिकारी अनुमंडलीय अस्पताल, गोगरी
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